चंडीगढ़, 2 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ई-टेंडरिंग का उद्देश्य पारदर्शी ढंग से समय पर काम शुरू करवाना है। अब तक नई पंचायतों से 2 लाख रुपये तक के करीब 650 कार्य व 25 लाख रुपये से अधिक के 15 कार्यों के लिए ई-टेंडर प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने आज यहां हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि ई-टेंडर की स्वीकृति की प्रक्रिया को आसान किया गया है। अब 10 करोड़ रुपये से नीचे के कार्यों के लिए एसडीओ, एक्सईएन, चीफ इंजीनियर व मंत्री स्तर पर स्लैब-वाइज स्वीकृति देने के लिए शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ रुपये से अधिक लागत के कार्यों की स्वीकृति उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी, जिसमें प्रभारी मंत्री, प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष भी शामिल होंगे, द्वारा दी जाएगी।
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वैटर्नरी सर्जन की भर्ती के मामले पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोग की 50 प्रतिशत की कट-ऑफ और नैगेटिव मार्किंग की नई व्यवस्था सही है।
वंचितों को वरीयता ही सरकार का मूल उद्देश्य
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार अंत्योदय दर्शन के अनुरूप जरूरतमंद एवं वंचितों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ सुनिश्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से जरूरतमंदों व वंचितों की पहचान कर उन्हें घर बैठे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। वंचितों को वरीयता ही सरकार का मूल उद्देश्य है, कि कैसे वंचितों को प्राथमिकता दी जाए और उनका उत्थान कर कैसे उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए।
कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की बहाली के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि अगर सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करती है तो वर्ष 2030 तक देश की अर्थव्यवस्था दिवालियापन के कगार पर आ सकती है।
मुख्यमंत्री ने परिवार पहचान पत्र में पारिवारिक आय के सत्यापन से संबंधित पूछे गए प्रश्न के उत्तर में बताया कि यह एक सतत प्रक्रिया है। अगर आय से संबंधित किसी को शिकायत है तो संबंधित व्यक्ति स्वयं अपने प्रमाण एडीसी कार्यालय में दे सकता है।
इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे।