चंडीगढ़, 24 मई- हरियाणा में पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी व्यवस्था के अपने विजऩ को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल https://works.haryana.gov.in लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य प्रदेश सरकार के तीन प्राथमिक इंजीनियरिंग विभागों लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों के इंजीनियरिंग कार्यों में काम करने के इच्छुक ठेकेदारों को राज्य सरकार के साथ ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की सुविधा प्रदान करना है।
इन विभागों की विभिन्न निविदाओं में भाग लेने के इच्छुक ठेकेदार इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण कने में सक्षम होंगे। प्रत्येक ठेकेदार को पोर्टल पर एक प्रोफाइल बनाना होगा और यदि वे पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आवश्यक विवरण प्रदान करते हैं तो उन्हें बयाना जमा राशि (ईएमडी) से छूट दी जाएगी।
पोर्टल लॉन्च करने के उपरांत इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल पर पंजीकृत करने हेतु हरियाणा के ठेकेदारों के लिए हरियाणा उद्यम मैमोरेंडम (एचयूएम) आईडी को अनिवार्य किया जाए। साथ ही, हरियाणा के अलावा अन्य ठेकेदारों के लिए भी अलग से अस्थायी पंजीकरण का प्रावधान किया जाए। हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के साथ परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का एकीकरण इस पोर्टल की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज लॉन्च किए गए पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप और नए उद्यमी को पंजीकरण करने का मौका दिया जाए ताकि वे भी आगे बढ़ सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पोर्टल ठेकेदारों के लिए सरल एवं प्रभावशाली मंच प्रदान करने के मामले में एक गेम चेंजर साबित होगा। साथ ही, यह पोर्टल इन विभागों के बोलीदाताओं (बिडर्स) को आवश्यक सूचनाएं प्रदान करने का सिंगल प्लेटफॉर्म होगा।
नए लॉन्च किए गए पोर्टल की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि प्रत्येक ठेकेदार के कार्य प्रदर्शन का मूल्यांकन प्रत्येक पूर्ण किए गए कार्य के लिए अंक प्रदान कर ‘रेटिंग’ देकर किया जाएगा।
सत्यापन और पंजीकरण के बाद पात्र पाए जाने वाले ठेकेदारों को बयाना जमा राशि (ईएमडी) के भुगतान से छूट का लाभ मिलेगा। कोई भी भारतीय व्यक्ति, एकल स्वामित्व वाली फर्म, पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप, पब्लिक लिमिटेड कंपनी या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एचईडब्ल्यू पोर्टल पर ठेकेदार के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते पात्रता मानदंड और अन्य शर्तें पूरी हों। पंजीकृत ठेकेदारों को अपने पंजीकरण की वैधता के दौरान एचईडब्ल्यू पोर्टल पर समय-समय पर संशोधित सभी निर्देशों का पालन करना होगा।
इस पोर्टल पर प्रोफाइल और लॉगिन खाता बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। लॉगिन खाता बनाने के बाद, ठेकेदार को ईएमडी में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण हेतु आवेदन करना होगा। ठेकेदार एकमुश्त अप्रतिदेय शुल्क (वन टाईम नॉन-रिफंडेबल फीस) के रूप में 5 हजार रुपये रुपये का भुगतान करके पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। तत्पश्चात पंजीकरण के सत्यापन/अनुमोदन होने पर संबंधित वर्ग में लागू वन टाईम डिपॉजिट का भुगतान करना आवश्यक है।
एचईडब्ल्यू पोर्टल पर पंजीकृत नहीं होने वाले ठेकेदार भी निविदाओं में भाग ले सकते हैं, लेकिन उन्हें ईएमडी छूट का लाभ नहीं मिलेगा तथा ठेकेदार को, बोली के हिस्से के रूप में, किसी विशेष कार्य में निर्दिष्ट राशि का ईएमडी का भुगतान करना होगा। एचईडब्ल्यू पोर्टल पर एक ठेकेदार का पंजीकरण 5 वर्षों की अवधि के लिए किया जाएगा। हालांकि, ठेकेदार पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए अगले पांच साल की अवधि हेतु आवेदन करने के लिए पात्र है, परंतु ठेकेदार को पंजीकरण की समाप्ति तिथि से पहले आवेदन करना होगा।
ठेकेदार के कार्य प्रदर्शन की निगरानी आवंटित कार्यों के पूरा होने के आधार पर की जाएगी, कि कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हुआ हो और वांछित गुणवत्ता / सेवा स्तरों को पूर्ण किया हो। स्कोरिंग पद्धति के आधार पर प्रत्येक कार्य के पूरा होने के बाद कार्य प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि किसी पंजीकृत ठेकेदार का प्रदर्शन 70 प्रतिशत (उनके कार्य प्रदर्शन स्कोर में) की सीमा से नीचे आता है, तो ठेकेदार का पंजीकरण स्वत: ही रद्द हो जाएगा।
वेब पोर्टल से संबंधित किसी भी विषयों या शिकायतों के लिए हेल्प लाइन नंबर 9041049834 (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) पर संपर्क कर सकते हैं तथा info-hewp.pwd@hry.gov.in पर ईमेल कर सकते हैं।
इस अवसर पर लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ और लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) विभाग, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई तथा आईटी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।