चंडीगढ़, 24 नवंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए पूर्व छात्र नेटवर्क और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड का लाभ उठाने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय इस उद्देश्य के लिए समर्पित एलुमनी सेल के साथ-साथ एक सीएसआर सेल भी स्थापित करे।
मुख्यमंत्री ने यह विजन आज यहां उच्च शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किया, जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने एलुमनी समुदाय में अंतर्निहित अपार संभावनाओं को पहचानते हुए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से पूर्व छात्र नेटवर्क को सक्रिय कर प्रभावी ढंग से उन्हें विश्वविद्यालयों के बुनियादी विकास में शामिल करने का आग्रह किया। एलुमनी के सक्रिय सहयोग से विश्वविद्यालय अपने संसाधनों को बढ़ाते हुए बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इससे एक और जहां विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे में पर्याप्त वृद्धि होगी, वहीं शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय को परिवहन व्यवस्था के लिए 25 लाख अनुदान की घोषणा
कैथल में महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए बस खरीदने के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इसके लिए अपने स्वैच्छिक कोष से 25 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की। इससे विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे के विकास सहित छात्रों और स्टाफ सदस्यों के लिए परिवहन सुविधाएं बढ़ेंगी। मूंदड़ी गांव में स्थापित विश्वविद्यालय परिसर की कैथल-करनाल हाईवे तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण को निर्देश देते हुए कहा कि इस दिशा में प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए संबंधित विभाग के साथ बातचीत करें।
विश्वविद्यालयों में रिक्त खेल पदों पर नियुक्त होंगे पदक विजेता खिलाड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में खेल से संबंधित रिक्त पदों पर प्रतिभावान पदक विजेता खिलाड़ियों को नियुक्त जायेगा। हमारे खिलाड़ी लगातार विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं और खेल विभाग द्वारा नीति अनुसार उन्हें नियुक्ति दी जा रही है। ऐसे सभी होनहार खिलाड़ियों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के अनुरूप उपलब्ध पदों पर प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों से संबंधित विभिन्न मुद्दों की भी व्यापक समीक्षा की और अधिकारियों को उनके समाधान में तेजी लाने का निर्देश दिया।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री आनंद मोहन शरण, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव, श्री के एम पांडुरंग, अध्यक्ष राज्य उच्च शिक्षा परिषद श्री कैलाश चंद्र शर्मा, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह, जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रोफेसर एस. के. तोमर, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की वीसी प्रोफेसर सुदेश, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी गुरुग्राम के वीसी प्रोफेसर दिनेश कुमार, महर्षि वाल्मिकी संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के वीसी प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।