चंडीगढ़ 27 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। यह भारत के मोटे अनाजों के प्रचलित प्राचीन आहार को बढ़ावा देगा और इस प्रकार यह ‘आहार ही औषधि’ का काम भी करेगा।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान दोपहर भोज के उपरांत बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब देश में खाद्यान्नों की कमी उत्पन्न हो गई थी तो उस समय हरित क्रांति का नारा दिया गया था परंतु हम अंधाधुध रसायनिक खादों का उपयोग कर खाद्यान्नों का उत्पादन तो बढ़ा सके, परंतु इसका हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ा, जिसे आज भी हम झेल रहे हैं। स्वस्थ शरीर ही हमारी सबसे बड़ी सम्पत्ति है, इसलिए हम जैविक व प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बाजरा सर्दियों में तीन महीने उपलब्ध करवाया जाता था, अब इसे पांच महीने उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थानों में जहां सामूहिक भोजन बनता है, वहां भी मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाज के प्रचार-प्रसार के लिए हरसम्भव कार्य करेगी।
उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल के प्रयासों की भी सराहना की, जिनके प्रयासों से आज सत्र के दौरान बाजरा, रागी व अन्य मोटे अनाजों के स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गये हैं। उन्होंने गैर सरकारी संगठन ‘खेती विरासत मिशन’ की भी सराहना की, जिन्होंने प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने के लिए ‘मूल अनाज-आहार से आरोग्य’ कार्यक्रम चलाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयूष व आयुर्वेद में डाइटिशियन के कोर्स में भी मोटे अनाज को जोड़ा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से संसद में सबसे पहले मिलेट से तैयार खाना खिलाया गया और आज हरियाणा विधानसभा देश की ऐसी दूसरी विधानसभा बनी है, जहां पर दोपहर भोज में मिलेट परोसे गये, जिसमें कुटकी शकरकंदी खीर, रागी हलवा, बाजरे की रोटी, हरी कंगनी, शकरकंदी शोरबा, स्वांक मूंग खिचड़ी, कोदरा मटर पुलाव, कंगनी प्रोबायोटिक चावल, कोदरा पत्ता गोभी बड़ा और बाजरा मेथी मूली रोटी प्रमुख व्यंजन थे।