शुक्रवार, March 12, 2021

चण्डीगढ़, 12 मार्च -हरियाणा के सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स विभाग तथा नागरिक संसाधन सूचना विभाग के लिए बजट अनुमान 2021-22 में 139 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है जो 2020-21 के दौरान 108 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 28.7 प्रतिशत अधिक है। इसमें से सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स विभाग के लिए103 करोड़ रुपये और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के लिए 36 करोड़ रुपये हैं।


हरियाणा के मुख्यमंत्री ने  आज यहां बजट अनुमान  2021-22 प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य में  सभी सरकारी विभागों में ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों के इन-हाउस विकास को सक्षम बनाने के लिए आईटी में मानव संसाधनों को बढ़ाया जाएगा। बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों सहित सभी सरकारी विभागों में पूर्ण रूप से ई-ऑफिस का कार्यान्वयन किया जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए विधानसभा में दी।


उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान सरकार ने ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों का लगातार आंतरिक विकास और सुधार करके ई-गवर्नेंस के प्रति अपने दृष्टिकोण को उन्मुख करने की दिशा में नई ऊचाइयों को छुआ है। इसने नए आईटी अनुप्रयोगों को शरू करने के समय और लागत को कम किया जिससे निरंतर उन्नयन और आंतरिक क्षमताओं को बढ़ावा मिला।


गत वर्ष सूचना प्रौद्यागिकी एवं इलैक्ट्रॉनिक्स विभाग ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा और ई-खरीद शुरू की गई। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के लिए वन-टाइम पंजीकरणपोर्टल, उच्चतर शिक्षा में दाखिलों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण एवं प्रवेश पोर्टल, वेब-हैलरिस के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण और राजस्व अभिलेखों का डिजिटलीकरण इसके कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। सरकार ने आपातकालीन सेवाओं सहित सभी सरकारी सेवाओं, योजनाओं और लाभों के लिए वन-हरियाणा मोबाइल सोल्यूशन के रूप में ‘जन सहायक ऐप’ की शुरुआत की है।


इस दिशा में राज्य सरकार ने एक समर्पित ‘उद्यमी और स्टार्टअप नीति’ बनाई है जो बेहतर अवसंरचना और अनुकूल व्यावसायिक वातावरण प्रदान करने पर समान बल देते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करती है।


परिवार पहचान पत्र (पीपीपी)ने हमें योजनाओं के नियोजन एवं डिजाइन के लिए बहुमूल्यडेटा उपलब्ध करवाया है। राज्य में 2.10 करोड़ से अधिक लोगों के उपलब्ध आंकड़ों का मूल्यांकन दर्शाता है कि 18 से 60 वर्ष के आयु वर्ग में 8.36 लाख व्यक्तियों ने खुद को बेरोजगार घोषित किया है। सरकार का प्रस्ताव है कि सत्यापन के उपरांत, आर्थिक रूप से सबसे कमजोर स्थिति वाले परिवारों में से 20 से 35 वर्ष की आयु वर्ग में एक लाख बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा और उन्हें लाभप्रद रोजगार के लिए कुशल बनाने हेतु कौशल विकास पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार की जाएगी। राज्य में पिछले कुछ वर्षों से सफलतापूर्वक चलायी जा रही सक्षम युवा योजना को संशोधित किया जाएगा और विशेष रूप से इन बेरोजगार युवाओं के कौशल विकास और प्लेसमेंट की दिशा में काम किया जाएगा। योजना के कार्यान्वयन के लिए रोजगार विभाग नोडल विभाग होगा। हरियाणा कौशल विकास मिशन को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सहयोग से इन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और विकसित किया जाएगा।


सरकार नेटवर्क सुरक्षा और डेटा संरक्षण सहित साइबर सुरक्षा पर अधिक बल देते हुए सरकारी सेवाओं के वितरण के लिए तहसीलों, उप-तहसीलों एवं खंडों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। राज्य सरकार बड़े डेटा सेंटर उद्योग के निर्माण एवं विकास पर बल देने के लिए पहली बार डेटा सेंटर नीति तैयार कर रही है। इस नीति का उद्देश्य डाटा सेंटर इको सिस्टम स्थापित करने के लिए भूमि एवं अवसंरचना, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, पानी एवं कनेक्टिविटी पर विनियमन एवं वित्तीय लाभ प्रदान करना है।


सरकार ने एक परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी-आधारित शासन कार्यक्रम, परिवार पहचान पत्र की शुरुआत की है। परिवार पहचान पत्रनागरिकों को सेवाओं और लाभों के पेपरलेस और फेसलेस वितरण को सक्षम बनाएगा क्योंकि किसी भी दस्तावेज और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार हरियाणा के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।


उन्होंने कहा कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र योजना के कार्यान्वयन के लिए प्राधिकरण अधिसूचित किया है जो राज्य में परिवारों के लिए परिवार पहचान संख्या या परिवार पहचान पत्र बनाने और जारी करने के लिए नीति, प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियां विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक डेटा के संबंध मेंराज्य के किसी भी विभाग या संगठन को प्रमाणीकरण सेवाएं प्रदान करेगा, संसाधन सूचना डेटाबेस के संबंध में डेटा सुरक्षा, सूचना सुरक्षा, प्रौद्योगिकी सुरक्षा एवं नेटवर्क सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक के लिए नीति तैयार करेगा और इस तरह के संसाधन सूचना डेटा की सुरक्षा के लिए ऐसे मानकों का विकास और रखरखाव करेगा।


उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम के दीर्घावधि कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक विधान लाया जाएगा।