चंडीगढ़, 16 फरवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मनुष्य जीवन में शिक्षा और संस्कार दोनों का होना बहुत ही जरूरी है। शिक्षा और संस्कार दोनों साथ चलने चाहिए। इसी से जीवन उज्जवल होता है।
आज रोहतक में मुख्यमंत्री वैश्य शिक्षण संस्थान के सभागार में वैश्य शिक्षण संस्था के 100 वें स्थापना वर्ष एवं 150 वीं गांधी जयंती वर्ष तथा महाराजा अग्रसेन कर्मचारी आवासीय परिसर के शिलान्यास कार्यक्रम के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने वैश्य शिक्षण संस्था को 31 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में संस्कार के मंत्र को लेकर चलना चाहिए। संस्कार ऐसे होने चाहिए जो ठीक कार्य करने की प्रेरणा दें। उन्होंने युवाओं से यह आवाहन किया की वे नशे से दूर रहें और महापुरुषों के जीवन से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जीवन सुरक्षित रखने के लिए सही संस्कारो को आदत बनने चाहिए और अच्छे संस्कारों की स्वभाव में झलक मिलनी चाहिए।
उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन के बारे में बताते हुए कहा की जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका गए तो वहां पर उन्हें अंग्रेजों ने ट्रेन से उतार दिया। महात्मा गांधी के मन में उसी पीड़ा से संकल्प जागा कि अंग्रेजों को भारत से बाहर भगाना है। अंग्रेजों ने उसी समय महात्मा गांधी के मन में यह बीज बो दिया और उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर करके दम लिया और पूरा जीवन सत्य अहिंसा और मानवतावाद के लिए कार्य किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रोहतक के सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहां की वैश्य एजुकेशन संस्थाएं विभिन्न गतिविधियों में आगे निकल रही है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बहुत सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने हाथों से इस संस्था की नींव रखी थी। उन्होंने कार्यक्रम में आने पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया।
इससे पहले संस्था के प्रधान विकास गोयल ने मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का संस्था की ओर से स्वागत किया।