चंडीगढ़, 6 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कालका और पिंजौर क्षेत्रों को नगर निगम, पंचकूला की सीमाओं से अलग करने और अलग नगर परिषद, कालका के गठन की स्वीकृति प्रदान की गई।
नगर निगम,पंचकूला से इसे अलग करके कालका एवं पिंजौर क्षेत्र के लिए एक सांझा नगर निकाय बनने से कालका और पिंजौर क्षेत्र के लोगों के लिए निकटतम स्थल पर विभिन्न पालिका सेवाओं का लाभ उठाना अत्यंत सुविधजनक होगा, जिससे समय, दूरी और लागत में कमी आएगी।
मौजूदा नगर निगम, पंचकूला का क्षेत्र अब 2 क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा। पंचकूला क्षेत्र में 21 गांव और पूर्ववर्ती नगर परिषद, पंचकूला का क्षेत्र शामिल होगा।
पिंजौर के 22 गांवों में भगवानपुर, बिटना, धामला, इस्लाम नगर, लोहगढ़, सूरजपुर, मानकपुर देवीलाल, मानकपुर नानकचंद, मानकपुर ठाकरदास, राज्जीपुर, मोहबतपुर, मिल्क, गुमथला, भोगपुर, दमदमा, बिसावल, खेड़ा, माजरी जट्टïा, रामपुर सियूड़ी, वासुदेवपुरी, मीरपुर, बक्शीवाला और रायपुर शामिल हैं।
कालका के 21 गांवों भैरो की सैर, कांगुवाला, खेड़ा सीताराम, टी डांगरा, हंसुआ, टांगरा, हाकिमपुर, टांगरा हरिसिंह, टांगरा कलीराम, टांगरा कंगन, टांगरा साहू, टिपरा और माजरा महताब शामिल हैं।
हरियाणा मंत्रिमंडल द्वारा नवगठित नगर निगमों का पहला चुनाव उनके गठन की तिथि से पांच वर्ष की निर्धारित सीमा से बढ़ाकर साढ़े पांच वर्ष के अंदर आयोजित करवाने के लिए हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 4(4) में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने का भी निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि नगर निगम, सोनीपत के मामले में उक्त 5 वर्ष की अवधि 5 जुलाई, 2020 को पूरी हो गई है। वार्डबंदी तथा सीटों व वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, परंतु कोविड-19 महामारी के चलते नगर निगम, सोनीपत के चुनाव करवा पाना संभव नहीं है।
इस मामले में कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए, नवगठित नगरनिगमों के चुनाव उनके गठन की तिथि से साढ़े पांच वर्ष के अन्दर आयोजित करवाने के लिए हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 4(4) में संशोधन का निर्णय लिया गया है। चूंकि इस समय राज्य विधानसभा का सत्र नहीं है, इसलिए अध्यादेश के माध्यम से इस अधिनियम को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है, जिसे आगामी सत्र में राज्य विधानसभा के समक्ष रखा रखा जाएगा।