चण्डीगढ़, 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य के अधिकार क्षेत्र से संबंधित पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की कार्यवाहियों के उदेश्य, कोई निर्णय, डिक्री या पारित आदेश को अंग्रेजी भाषा सहित हिन्दी को अधिकृत करने के लिए हरियाणा के राज्यपाल से भारत के राष्टï्रपति से सहमति लेने का अनुरोध करने का निर्णय लिया है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 348 के तहत यह प्रावधान है कि जब तक कानून द्वारा संसद अन्यथा प्रदान नहीं करती है, तब तक सर्वोच्च न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होगी। अनुच्छेद 348 के तहत, राज्य के राज्यपाल, राष्ट्रपति की पूर्व सहमति सहित, उच्च न्यायालय की कार्यवाही में हिंदी भाषा या राज्य की अन्य आधिकारिक भाषा को किसी भी अधिकारिक उद्देश्य के लिए प्रयोग करने हेतु अधिकृत कर सकते हैं, क्योंकि उस राज्य में उच्च न्यायालय प्रमुख पीठ है, बशर्ते कि ऐसे उच्च न्यायालयों द्वारा पारित डिक्री, निर्णय या आदेशों में यह लागू नहीं होगा।
राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 7 में माननीय राष्ट्रपति के पूर्व सहमति सहित राज्य के माननीय राज्यपाल को अधिकार है कि वे किसी भी निर्णय के प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा के अलावा हिंदी या राज्य की आधिकारिक भाषा के उपयोग को, उच्च न्यायालय द्वारा पारित या किए गए निर्णय, डिक्री या आदेश अधिकृत किया जा सकता है, जहां कोई भी निर्णय, डिक्री या आदेश पारित किया जाता है या ऐसी किसी भी भाषा में किया जा सकता है (अंग्रेजी भाषा के अलावा), उच्च न्यायालय के अधिकार के तहत जारी की गई भाषा में यह अंग्रेजी में उसी के अनुवाद के साथ होगा।
हरियाणा सरकार को हरियाणा राज्य के 78 विधायकों, हरियाणा के महाधिवक्ता और सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक मांग पत्र भी प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में उपयोग के लिए हिंदी भाषा को अधिकृत करने हेतू अपनी रुचि भी व्यक्त की है ताकि हरियाणा के नागरिक पूरी न्याय प्रक्रिया को अपनी भाषा में समझ सकें और आसानी से न्यायालयों के समक्ष अपने विचार रख सकें। हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती कार्यक्रम में, राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्वयं इस बात पर भी बल दिया कि न्यायालय के निर्णयों को वादी-प्रतिवादी की भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। भारत के अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों और न्यायविदों द्वारा शुरू किया गया भारतीय भाषा अभियान इस दिशा में भी काम कर रहा है कि भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में काम शुरू किया जाना चाहिए। इसलिए, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हिन्दी भाषा के प्रयोग को अधिकृत करना विवेक सम्मत है।
हिंदी भाषा क्षेत्र होने के नाते, हरियाणा वर्ष 1966 में एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। वर्ष 1969 में, हरियाणा राजभाषा अधिनियम की धारा 3 के तहत, हिंदी को हरियाणा राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया गया। तब से, हिंदी भाषा का उपयोग ज्यादातर प्रशासन की भाषा के रूप में किया जा रहा है।
राज्य के लोगों की भाषा के रूप में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने के लिए यह आवश्यक है कि इस भाषा का उपयोग हमारे दिन-प्रतिदिन के कार्य में होना चाहिए। लोकतंत्र में न्याय का उद्देश्य यह है कि वादी को अपनी भाषा में जल्दी न्याय मिलना चाहिए और कार्यवाही के दौरान वह अवाक न रहे।