बुधवार, जनवरी 8, 2020

चण्डीगढ़, 8 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संबंधित रूटों पर बस सेवा के परिचालन हेतु अस्थाई परमिट के लिए संबंधित प्राधिकरण को आवेदन किया जाए। साथ ही, गुरुग्राम में चल रही सिटी बस सेवा के लिए रूट तय करते समय जनप्रतिनिधियों, आरडब्ल्यूए तथा अन्य संगठनों का भी सहयोग लिया जाए। इसी प्रकार, जनसेवा से जुड़े कार्यों की नियमित रूप से मॉनीटरिंग के लिए कमेटी गठित की जाए।

मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गुरुग्राम में हुई इस बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही की समीक्षा करने के अलावा ढंाचागत सुविधाओं, सीवरेज, पीने के पानी, सडक़ आदि समेत शहर के विकास को गति देने संबंधी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में पिछली योजनाओं के साथ-साथ भविष्य से जुड़े एक्शन प्लान पर भी विचार-विमर्श किया गया।

श्री मनोहर लाल ने इस दौरान जीएमडीए अधिकारियों द्वारा श्री शीतला माता देवी मैडिकल कॉलेज के स्थापना के प्रस्ताव में जीएमडीए की हिस्सेदारी के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया। इस कॉलेज के निर्माण में जीएमडीए की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत, नगर निगम 45 प्रतिशत तथा माता शीतला देवी पूजा स्थल बोर्ड की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत होगी। मुख्यमंत्री ने सैक्टर-9 स्थित खेल परिसर के निर्माण के लिए अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.एस. कुंडू ने वित्त वर्ष 2017-18 व 2018-19 की बैलेंस शीट भी बैठक में रखी।

जीएमसीबीएल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनल गोयल ने बैठक में जानकारी दी कि सिटी बस सेवा के तहत 14 रूटों पर 125 बसें चलाई जा रही हैं तथा शीघ्र ही 25 नई बसें भी बेड़े में जोड़ी जाएंगी। बैठक में जीएमसीबीएल की सिटी बस सेवा को दिल्ली और फरीदाबाद तक विस्तार देने पर भी चर्चा हुई।

इस दौरान गुरुग्राम में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त अमित खत्री ने बैठक में बताया कि उन्होंने सभी हितधारकों के साथ इस विषय पर विचार-विमर्श करके प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कई पहल शुरू की हैं। इसके लिए जीएमडीए तथा अन्य संबंधित एजेंसियों के सहयोग से एक एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदूषण को मॉनीटर करने के लिए कॉरपोरेट कंपनियों से लो कॉस्ट मॉनीटर स्थापित करने के लिए सीएसआर के तहत एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रस्ट आमंत्रित किए गए थे। पांच कंपनियों ने इस कार्य में रूचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि जीएमडीए के स्मार्ट सिटी डिवीजन के परामर्श से 140 स्थानों की पहचान की गई है। शुरू में इन्हें सीसीटीवी नेटवर्क के साथ इंटीग्रेट करने की योजना थी लेकिन यह तकनीकी रूप से व्यावहारिक नहीं हो पाया। अत: अब अलग से पोल्यूशन मॉनीटर स्थापित करके उन्हें जीएमडीए के कमांड एंड कंट्रोल सैंटर से जोड़ा जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सभी निर्देशों की पालना की जा रही है और ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) को लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मानसून सीजन में शहर के चार मुख्य मार्गों पर पौधारोपण किया गया है तथा अब अन्य सडक़ों के साथ भी पौधारोपण किया जाएगा। यही नहीं, रोड़ साइड डस्ट को नियंत्रित करने के लिए चार ट्रैक्टर व वाटर टैंकर लगाए गए हैं जिनकी मदद से पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, विधायक सुधीर सिंगला, सत्यप्रकाश जरावता, संजय सिंह, राकेश दौलताबाद, गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद, सीनियर डिप्टी मेयर प्रमिला कबलाना, पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता, नगर एवं ग्राम योजना विभाग के प्रधान सचिव ए.के. सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।