चण्डीगढ़, 11 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को पराली न जलाने के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की है। यह प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा खरीदी गई गैर-बासमती धान पर लागू होगी।
इसके अतिरिक्त, श्री मनोहर लाल ने पराली न जलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यह भी घोषणा की कि छोटे और सीमांत किसानों द्वारा गैर-बासमती धान के फसल अवशेषों के एक्स-सीटू तथा इन-सीटू प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और स्ट्रॉ बेलर यूनिट संचालकों को परिचालन लागत के रूप में 1000 रुपये प्रति एकड़ का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री द्वारा उद्योग, नवीकरणीय उर्जा और परिवहन विभागों को हिदायतें दी गई कि पराली की बेलों का उद्योगों में उपयोग करने के लिए लिंक स्थापित करें ताकि पराली का सदुपयोग किया जा सके।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फसल अवशेषों के उचित निपटान और एक्स-सीटू तथा इन-सीटू प्रबंधन के उचित कार्यान्वयन के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों ने प्रत्येक गांव में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ स्तर के आईएएस अधिकारियों को हर जिले में इस योजना के मार्गदर्शन और निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि श्री पी.के. दास को जिला कैथल, श्री देवेंद्र सिंह को जिला फतेहाबाद, श्री टी सी गुप्ता को जिला सिरसा, डॉ महावीर सिंह को जिला जींद और श्री अनुराग रस्तोगी को हिसार जिला सौंपा गया है।