चंडीगढ़, 29 जून-हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे छात्रों को भविष्य के राष्ट्र निर्माता के रूप में तैयार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को केवल रीडिंग, राइटिंग, अर्थमैटिक तक सीमित न रख कर हर शिक्षक को अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल देना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित ई-संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। भारतीय शिक्षा मंडल के संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर, विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य और शिक्षकों ने भी इस अवसर पर अपने विचार सांझा किए।
मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत में शिक्षकों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि आज हुई इस चर्चा में हमें कई विचार और सुझाव प्राप्त होंगे जो छात्रों को संस्कारवान और आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र के छिपे हुए कौशल और प्रतिभा को पहचानने में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, जो छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने और जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करता है और राष्ट्र निर्माता के रूप में उनका निमर्ण करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सरकार की भूमिका विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों का निर्माण करना और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए नीतियां बनाना हैं, लेकिन राष्ट्र निर्माण, छात्रों के भविष्य और शिक्षाप्रद समाज को आकार देने में शिक्षकों की भूमिका सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के विचार में भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने कहा कि केवल शिक्षक ही युवाओं को सही दिशा दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और विद्यार्थी जितना ज्यादा संस्कारित होगा, हम उतना ही तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के शिक्षक जिन्होंने उनकी प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षक की भूमिका युवाओं को जीवन में अपनी प्रतिभा को पहचानने, उसे निखारने और अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना है।
इस अवसर पर, उन्होंने स्कूल के समय के दौरान अपने स्वयं के जीवन के अनुभव को भी सांझा किया। उन्होंने कहा कि उनके शिक्षक ने उनकी क्षमता की पहचान करते हुए, उन्हें अपने जुनून को आगे बढ़ाने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक कविता भी सुनाई।
उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल किसी व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि एक परिवार, एक राज्य और देश को भी आत्मनिर्भर बनाता है।