चंडीगढ़, 13 जुलाई- हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के किसानों को फसल विविधिकरण प्रक्रिया अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और अभी हाल ही में राज्य सरकार द्वारा धान की फसल की बजाए मक्का, अरहर व दलहन की फसल लगाने के लिए एक पायलट परियोजना प्रदेश के सात खंडों के लिए शुरू की गई ताकि कम पानी की फसलों को प्रोत्साहित कर पानी का सरंक्षण किया जा सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अज गुरुग्राम में जिला प्रशासन द्वारा सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम जल शक्ति अभियान के तहत गुरुजल परियोजना के लिए तैयार किए गए कैलेंडर विमोचन कार्यक्रम में दी।
उन्होंने कहा कि धान की फसल में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती और एक किलो धान के लिए दो से तीन हजार लीटर पानी लगता है जबकि मक्का व दलहन की फसलों में कम पानी की जरूरत पड़ती है। उन्होंने पायलट परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के सात खंडों में 50 हजार हैक्टेयर भूमि पर मक्का, अरहर व दलहन की फसल लगाने के लिए किसानों ने पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा िकइस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने दो हजार रूपए प्रति एकड सब्सिडी देने, बीज देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम का भुगतान करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी किसानों की मक्का की फसल भी सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।