बुधवार, May 29, 2019
- चंडीगढ़, 29 मई- भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्होंने धान बाहुल्य जिलों के 50000 हैक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल के स्थान पर मक्का, अरहर व अन्य फसलों उगाने के लिए ‘फसल विविधीकरेण पायलट योजना’ की शुरूआत कर देश के समक्ष ‘जल ही जीवन है’ का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
- मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरूआत आज यहां चंडीगढ़ से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के धान बाहुल्य जिलों अम्बाला के अम्बाला-1 व साहा खण्ड, यमुनानगर के रादौर खण्ड, करनाल के असंध खण्ड, कुरुक्षेत्र के थानेसर खण्ड, कैथल के पुण्डरी खण्ड, जींद के नरवाना खण्ड तथा सोनीपत के गन्नौर खण्ड में की।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘फसल विविधीकरण पायलट योजना’ का ब्राउशर का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 25 किसानों से सीधा संवाद करते हुए किसानों से अपील की कि वे धान की बुआई कम करने का मन बनाए तथा सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ उठाएं और इसमें अपना सहयोग दें। किसानों ने मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि आज हमें प्रदेश में ऐसा मुख्यमंत्री देखने को मिला है जिसने खेती व जल बचाने की बात सोची और यदि खेत व जल बचेगा तो किसान निश्चित रूप से ज्यादा समृद्ध होगा।
- किसानों की मक्का की बिजाई के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने किसान एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधू को निर्देश दिए कि वे कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से मशीने उपलब्ध करवाएं। इसके अलावा, उत्तम गुणवत्ता के बीज भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाएं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों को इस बात का भी आश्वासन दिया कि जिस प्रकार सरकार ने बाजरे व सरसों की एक-एक दाने की खरीद की है उसी प्रकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद एजेन्सियों से मक्का की उपज की खरीद करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने किसानों की मक्का की खरीद निकटतम मंडियों व खरीद केन्द्रों में करवाने की गांरटी भी दी। इसके अलावा, ड्रायर मशीनें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि किसान अपना मक्का सूखाकर मंडियों में ला सकें।
- मुख्यमंत्री ने चरखी दादरी जिले की ग्राम पंचायत पैंतावास कलां जिन्होंने प्रस्ताव पारित कर अपने गांव में धान की फसल न बोने का संकल्प लिया है, का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी भी पंचायत के लिए एक बड़ी सोच है। उन्होंने कहा कि डार्क जोन व दिन-प्रतिदिन गिरता भूजल हमारे लिए एक चुनौती बन रहा है और आने वाली पीढिय़ों के लिए इसी चुनौती का समाधान निकालने की हमने एक शुरूआत की है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पंचायतों ने पंचायती जमीन ठेके पर दी है उन पट्टïेदारों से भी अपील करें कि वे धान के स्थान पर मक्का, अरहर व अन्य फसल की बुआई करें। उन्होंने कहा कि पंचायती जमीन ठेके पर दी जा चुकी है इसलिए हम ऐसे किसानों को जिन्होंने ठेके पर जमीन ली है उनको धान न उगाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं परंतु ऐसी अपील जरूर कर सकते हैं कि वे धान की सीधी बिजाई करें। उन्होंने कहा कि अगले साल से ठेके पर दी जाने वाली पंचायती व सरकारी जमीन पर धान की फसल न उगाने की शर्त जोड़ दी जाएगी।
- इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जब जल बचाने की मुहिम हरियाणा में शुरू की है। उन्होंने सम्बंधित जिलों के उपायुक्तों व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के क्षेत्र में कार्यरत उप-निदेशक स्तर के अधिकारियों से आह्वïान किया कि वे मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई इस पहल की जानकारी अपने जिलों के किसानों तक अवश्य पहुंचाएं।
- इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्रीमती नवराज संधू ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि 27 मई से आरम्भ हुई ऑनलाइन योजना के तहत पहले दिन 160 किसानों ने पंजीकरण करवाया और अब तक 5465 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसके तहत 2720 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के समय 200 रुपये तथा बाद में 1800 रुपये किसानों को दिए जाएंगे तथा इसके अलावा, फसल बीमा योजना के तहत सरकार की तरफ से प्रीमियम भी वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को यह बात समझनी चाहिए कि एक किलोग्राम चावल उगाने पर 3000 से 5000 लीटर पानी की खपत होती है और विभाग द्वारा पानी की इस खपत को कम करने के लिए यह योजना शुरू की है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव, श्री वी.उमाशंकर, सहकारिता विभाग की अतरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती ज्योति अरोड़ा, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री समीर पाल सरो के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।