मंगलवार, June 4, 2019

 

  • चंडीगढ़, 4 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग राजस्व स्थापना सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2019 को स्वीकृति प्रदान की गई।
  • सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में जिलेदार, मुख्य राजस्व लिपिक, आकलन लिपिक, राजस्व लिपिक, सहायक राजस्व लिपिक और नहरी पटवारी समेत राजस्व स्थापनाओं की छ: श्रेणियां हैं। ये सभी गैर-राजपत्रित ग्रुप सी पद हैं और तीन अलग-अलग सेवा नियम हैं, जिनमें जिलेदारों की सेवा तथा नियम/शर्तें विनियमित करने हेतु पंजाब लोक निर्माण विभाग (सिंचाई शाखा), जिलेदार राज्य सेवा, श्रेणी-3 नियम, 1995; मुख्य राजस्व लिपिकों, सहायक लिपिकों, राजस्व लिपिकों और सहायक राजस्व लिपिकों  की सेवा तथा नियम/शर्तें विनियमित करने हेतु हरियाणा सिंचाई विभाग राजस्व तथा आकलन लिपिक (ग्रुप सी) सेवा नियम 1991 तथा नहरी पटवारियों की सेवा तथा नियम/शर्तें विनियमित करने हेतु पंजाब लोक निर्माण विभाग (सिंचाई शाखा) पटवारी राज्य सेवा, श्रेणी-3 नियम 1995 शामिल हैं। ये नियम वर्ष 1955 और 1991 में बनाए गये थे और अब भर्ती तथा पदोन्नति हेतु प्रक्रिया के साथ-साथ लक्ष्यों को पूरा करने में विभाग के उद्देश्यों पर खरा नहीं उतरते।
  • नये सेवा नियमों के अनुसार, जिलेदार की सीधी भर्ती हेतु अनिवार्य योग्यता 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक होगी। सहायक राजस्व लिपिक के लिए सीधी भर्ती हेतु योग्यता 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक और नहरी पटवारी हेतु स्नातक होगी। नये भर्ती हुए जिलेदार, सहायक राजस्व लिपिक और नहरी पटवारी की प्रशिक्षण अवधि के दौरान उसने सरकार द्वारा निर्धारित किसी अधिकृत संस्थान से माइक्रोसोफ्ट ऑफिस तथा डाटा मैनेजमैंट सिस्टम समेत कम्प्यूटर दक्षता का तीन माह का सर्टिफिकेट प्रोग्राम पूरा किया होना चाहिए। 
  • पंजाब लोक निर्माण विभाग (सिंचाई शाखा), जिलेदार राज्य सेवा, वर्ग-3 नियम, 1955, हरियाणा सिंचाई विभाग राजस्व एवं आकलन लिपिक (गु्रप-सी) सेवा नियम, 1991 और पंजाब लोक निर्माण विभाग (सिंचाई शाखा) पटवारी ‘राज्य सेवा, वर्ग-3, नियम 1955 को निरस्त कर दिया गया है।
  • सेवा में भर्ती के लिए जिलेदार के मामले में 50 प्रतिशत पद मुख्य राजस्व लिपिक, मूल्यांकन राजस्व लिपिक और सहायक राजस्व लिपिक में से वरिष्ठता-सह-योग्यता आधार पर पदोन्नति द्वारा भरे जाएंगे। इसी प्रकार, 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती या किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार की सेवा में जिलेदार के रूप में पहले से ही कार्यरत किसी अधिकारी के स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति द्वारा भरे जाएंगे, बशर्ते जिलेदार के रूप में सीधी भर्ती के मामले में पहली भर्ती जिलेदार के रूप में की जाएगी। 
  • मुख्य राजस्व लिपिक के मामले में, शत-प्रतिशत पदोन्नति मूल्यांकन लिपिकों में से  और मूल्यांकन लिपिकों के मामले में शत-प्रतिशत पदोन्नति राजस्व लिपिकों में से की जाएगी।  इसीप्रकार, राजस्व लिपिक के मामले में शत-प्रतिशत पदोन्नति सहायक राजस्व लिपिकों में से की जाएगी। सहायक राजस्व लिपिकों के मामले में 75 प्रतिशत नहरी पटवारियों में से पदोन्नति द्वारा और 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती द्वारा या किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार की सेवा में सहायक राजस्व लिपिक के रूप में पहले से ही कार्यरत किसी अधिकारी के स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति द्वारा भरे जाएंगे, बशर्ते सहायक राजस्व लिपिक के रूप में सीधी भर्ती के मामले में पहली भर्ती उम्मीदवार सहायक राजस्व लिपिक के रूप में की जाएगी। नहरी पटवारी के मामले में, शत-प्रतिशत नियुक्ति सीधी भर्ती द्वारा की जाएगी, बशर्ते नहरी पटवारी के रूप में सीधी भर्ती के मामले में पहली भर्ती उम्मीदवार नहरी पटवारी के रूप में की जाएगी। 
  • सभी पदोन्नतियां जब तक अन्यथा प्रदान नहीं की जाती है, वरिष्ठता-सह-मैरिट आधार पर की जाएंगी और केवल वरिष्ठता इस तरह की पदोन्नति का कोई अधिकार नहीं देगी। सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्त उम्मीदवारों को प्रशिक्षण लेना होगा।