मंगलवार, June 11, 2019

चण्डीगढ़, 11 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मनरेगा के बेहतर कार्यान्वयन तथा अकुशल श्रमिकों को समय पर शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, मनरेगा के तहत प्रदेश के प्रत्येक खण्ड में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ अभियंता का एक-एक पद सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इन पदों को आउटसोर्स पॉलिसी के तहत सेवा प्रदाता के माध्यम से भरा जाएगा और भर्ती के लिए योग्यता तथा पात्रता मानदंड कंप्यूटर के एप्लीकेशन के बुनियादी ज्ञान के साथ केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा और संबंधित क्षेत्र में दो साल का अनुभव अपेक्षित होगा।

उन्होंने बताया कि कनिष्ठ अभियंता की भूमिका और जिम्मेदारियों में विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों या दिशानिर्देशों के अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा निष्पादित किए जाने वाले ऐसे विकास कार्यों, जो मनरेगा के तहत किए जा रहे हैं, के निष्पादन में ग्राम पंचायत को तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाना शामिल होगा। कनिष्ठ अभियंता कार्यों का अनुमान भी तैयार करेंगे तथा राज्य और केंद्र सरकार के निर्देशानुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर उनके निष्पादन, पर्यवेक्षण और माप पुस्तिका सहित रिकॉर्ड तैयार करने में तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।;

कनिष्ठ अभियंता अपने द्वारा तैयार किए गए सभी प्रकार के रिकॉर्ड अर्थात अनुमान, आकलन, माप पुस्तिका को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी कार्यों, नियमों, दिशानिर्देशों, निर्देशों के अनुसार सम्बन्धित उप-मण्डल अधिकारी, पंचायती राज या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी को सत्यापन या उनके हस्ताक्षर हेतु प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने बताया कि मनरेगा एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के गारंटीशुदा रोजगार के रूप में उन सभी ग्रामीण घरों में आजीविका सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल मैनुअल कार्य करने के इच्छुक हैं। इसी प्रकार, इस योजना का उद्देश्य स्थायी परि-संपत्तियों के निर्माण, बेहतर जल सुरक्षा, मृदा संरक्षण और उच्च भूमि उत्पादकता के निर्माण के माध्यम से गरीबों को आजीविका सुरक्षा प्रदान करना भी है।