बुधवार, June 12, 2019

चंडीगढ़, 12 जून- हरियाणा में पानी बचत के लिए माइक्रो इरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) प्रणाली अपनाने वाले किसानों को भी ट्यूबवैल के कनेक्शन दिए जाएंगे।

यह घोषणा आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गुरूग्राम में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए की।

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के बहुत से इलाके डार्क जोन में चले गए हैं, उनमे जमीन के पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। जमीन का पानी बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाना समय की जरूरत है, तभी भविष्य में लोगों को पानी मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पानी के साथ बिजली की भी बचत करें और इसके लिए फाइव स्टार रेटिंग वाले पंप सैट और मोटर लगाएं जिससे 75 प्रतिशत बिजली की खपत होगी। उन्होंने कहा कि ट्यूबवैलों पर राज्य सरकार हर वर्ष लगभग 7500 करोड़ रूप्ये बिजली सब्सिडी के तौर पर देती है। उन्होंने बताया कि ट्यूबवैल संचालक किसान को तो सिर्फ 10 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जा रही है और फाइव स्टार रेटिड मोटर का प्रयोग करने से उसकी 25 प्रतिशत बिजली बचेगी। इससे सब्सिडी का पैसा भी बचेगा, जिसका प्रयोग कही और किया जा सकेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्टार रेटिड मोटर भी अब सरकार खरीद कर उन किसानों को देगी जो सामान्य मोटर की कीमत के बराबर पैसा भरेंगे। स्टार रेटिड मोटर पर जो ज्यादा पैसा लगेगा वह सरकार वहन करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में इस समय लगभग 80 हजार ट्यूबवैल कनेक्शन लंबित है।

बिजली सुधारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने हरियाणा प्रदेश में इस पहली पारी में बिजली, सडक़ व पानी पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि 1966 में हरियाणा बनने से अब तक सभी मुख्यमंत्री यह कहते आए कि 24 घंटे बिजली देंगे लेकिन ऐसा कर नहीं पाए। हमने इस दिशा में काम किया और अब प्रदेश के 3600 गांवो में 24 घंटे बिजली दी जा रही है जिसमें गुरूग्राम जिला के सभी गांव भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ गांवो में पिछले दिनों किसानों से बिजली आपूर्ति में कटौती करने की मांग यह कहते हुए आई थी कि पकी फसल में शॉर्ट सर्किट से आग लगने का भय रहता है। उनकी मांग को देखते हुए बिजली में कटौती भी की गई। इसी प्रकार, कुछ गांवो में लोगों ने यह भी कहा कि बिजली ज्यादा आने से उनका बिजली का बिल भी बढ़ गया है इसलिए कुछ समय के लिए कटौती की जाए तो बेहतर है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रारंभिक 250 यूनिट तक 2 रूप्ये रेट कम किया है। उन्होंने बताया कि बकाया बिजली बिलों के मामले को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने तीन हजार करोड़ रूप्ये के बिल माफ किए और 600 करोड़ रूप्ये की राशि बिजली निगमों को दी ताकि पिछला मामला निपटे और स्थिति में सुधार हो।

किसानों के कल्याण के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि किसान को अपनी पूरी जमीन पर की गई बिजाई की रजिस्ट्रैशन साल मे दो बार करवानी पड़ेगी। किसान साल में दो बार बताएगा कि उसकी जमीन पर कौन सी फसल की बिजाई की हुई है। उसके बाद कृषि विभाग का कृषि विकास अधिकारी उसको चैक करेगा। ऐसा करने से फसल की बिक्री के समय सुविधा होगी और किसी प्रकार की धांधली नही होगी। उन्होंने बताया कि आज सरकार से किसान प्रसन्न हैं । सरकार ने फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदी हैं और फसल बीमा योजना के अलावा भावांतर भरपाई योजना लागू की ।

उन्होंने बताया कि धान और गेंहू की खरीद केन्द्र सरकार करती है लेकिन राज्य सरकार ने भी बाजरे और सरसों की फसल की खरीद की है। पटौदी में 100-200 क्विंटल सरसों पड़ी है उसे भी खरीद लेंगे। इसी प्रकार , उत्तरी हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद की गई है। इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि साथ वाले प्रदेशों से फसल लाकर यहां बिक्री नही करने देंगे। इसके लिए ही रजिस्ट्रैशन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में झगड़े अक्सर जमीनों के होते हैं इसलिए जमीन का रजिस्ट्रैशन और इंतकाल करवाएंगे।