चंडीगढ़, 18 जून- हरियाणा कला परिषद द्वारा शीघ्र ही राज्य के 4 मंडलों में राष्ट्रवाद की भावना की अलख जगाने के लिए 15 दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जाएगा जिसमें स्कूली बच्चों को देशभावना से ओतप्रोत गीत, नृत्य, रागनी आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत तैयार किए गए बच्चों के माध्यम से राज्य के बंदी व बाल सुधार गृहों में इनका मंचन किया जाएगा।
हरियाणा कला परिषद के निदेशक श्री अनिल कौशिक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रदेश के राजकीय स्कूलों में जिला स्तरीय नृत्य/ रंगमंच कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब 20 जून तक कार्यशालाओं के समापन अवसर पर हर प्रशिक्षक अपने प्रशिक्षुओं को दिए गए प्रशिक्षण का प्रदर्शन करवाएगा। उन्होंने बताया कि इस खास प्रशिक्षण एवं योजना का श्रेय हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल एवं कला परिषद के चेयरमैन एवं शिक्षामंत्री श्री रामबिलास शर्मा को दिया। उन्होंने इस प्रशिक्षण के देने के अनूठे प्रयास की जितनी सराहना की जाय, वह कम है। प्रदेश में हरियाणा कला परिषद के गठन के बाद पहली बार ऐसा कंक्रीट प्रयास किया गया है जो बच्चों के हित में सार्थक एवं सदुपयोगी है।
श्री कौशिक ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पब्लिक स्कूलों में बच्चों के लिए सुविधाएं भी हैं और प्रशिक्षक भी। वहां साल भर बच्चों को किसी न किसी समारोह की वजह से प्रशिक्षण भी मिलता रहता है और अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए मंच भी। लेकिन प्रदेश के राजकीय स्कूलों में इच्छुक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण और मंच प्रदान करने का सराहनीय प्रयास पहली बार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए शिक्षा विभाग ने भी अहम भूमिका निभाते हुए इसे सार्थक बनाने के लिए चयनित स्कूलों को 20 हजार रूपये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई है ताकि प्रतिभागियों को मंच मुहैया करवाया जा सके और अन्य मंचीय सुविधाएं मिल सकें। इस कदम से प्रदेश सरकार के कला एवं संस्कृति के पोषण एवं प्रसार के लिए समृद्ध दृष्टिकोण साफ नजर आता है।
निदेशक ने बताया कि प्रदेश के हर जिला में एक स्कूल को 10 दिवसीय लोकनृत्य और रंगमंच की कार्यशाला आयोजित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के तहत 20 जून तक कार्यशालाओं के प्रशिक्षण का प्रदर्शन भी करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण से बच्चों का मनोबल भी बढ़ेगा और संस्कृति का प्रचार भी होगा। इससे समाज में आपसी भाईचारे की भावना भी विकसित होगी और साथ-साथ संगीत कर्मियों को अपने जीवनयापन के लिए काम मिलेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा के कला एवं संस्कृति मंत्री श्री राम बिलास शर्मा की अध्यक्षता में शीघ्र ही परिषद की गर्वनिंग बॉडी की बैठक बुलाकर कला एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए अनेक बड़े फैसले लिए जाएगे जिनमें राज्य के 4 मंडलो में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल की सोच को सार्थक बनाने के लिए 4 मल्टी आर्ट कल्चरल सैंटर बनाए जाने, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से राज्य के अनेक जिलों में नृत्य, संगीत एवं नाटक की रैपरेटरी खोले जाने, प्रदेश में रामलीलाओं के मंचन को बढ़ावा देकर बड़ी प्रतियोगिताएं करवाए जाने, राज्य के हजारों कलाकारों को कला एवं संस्कृति के संवर्धन के कार्य से जोडऩे, हरियाणा के प्रख्यात तत्काल कवि लक्ष्मीचंद के जीवन से नव पीढ़ी को रूबरू करवाने के साथ-साथ अनेक बड़े फैसलों पर निर्णय लिया जाएगा।