मंगलवार, June 25, 2019

चण्डीगढ़, 25 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में, दादूपुर नलवी सिंचाई योजना के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि की अधिसूचना रद्द करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

चूंकि यह योजना गैर-लाभकारी और पूरी तरह से अव्यावहारिक हो गई है, राज्य सरकार ने 27 सितम्बर, 2017 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति के बाद, 3, अगस्त 2018 की अधिसूचना के तहत 824.71 एकड़ भूमि की अधिसूचना रद्द कर दी थी। सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना (हरियाणा संशोधन) अधिनियम, 2017 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार की धारा 101 ए के साथ संलग्न परंतुक के प्रावधानों के अनुसार भूमि के मालिक किसानों को वैकल्पिक भूमि की पेशकश करके 11 दिसंबर, 2018 की अधिसूचना के तहत और 5.39225 एकड़ भूमि की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया। लाभार्थियों को भूमि लौटाने और उन्हें दिया गया मुआवजा वापिस लेने के तौर-तरीकों के संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु अब मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया।

अब उपरोक्त भूमि लौटाने के सरकार के निर्णय के बारे में वास्तविक भूमि मालिकों और उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सूचित करने के लिए 14 सितंबर, 2018 की अधिसूचना के खंड 13 के प्रावधानों के अनुसार यह निर्णय लिया गया है। वास्तविक मालिकों या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को, उनके द्वारा लिए गए मुआवजे की तिथि से मुआवजा लौटाने की तिथि तक 9 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज के साथ, उन्हें अदा किए गए सोलेटियम को छोड़ कर, भूमि अधिग्रहण अधिकारी, अंबाला के पास मुआवजा जमा करवाना होगा। जमीन पर कब्जा मुआवजा राशि लौटाने के बाद ही दिया जाएगा और ब्याज के साथ मुआवजा लौटाने के 3 माह के अंदर जमीन का कब्जा देना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षण अभियंता, सिंचाई तथा भूमि अधिग्रहण अधिकारी की होगी।

सरकार ने उन भूमि मालिक किसानों का साधारण ब्याज माफ करने का भी निर्णय लिया है, जो अधिग्रहण के बाद सरकार द्वारा उपयोग जैसे किसी उपयोग या क्षति तथा भूमि की बहाली (रेस्टोरेशन) के कारण होने वाली क्षति के लिए मुआवजे का दावा नहीं करेंगे। हालांकि, जो भूमि मालिक उपयोग और क्षति के लिए मुआवजा चाहते हैं, उन्हें 9 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज का भुगतान करना होगा। भूमि अधिग्रहण अधिकारी, अंबाला, को अपने दावे प्रस्तुत करते समय, भूमि मालिकों को अपनी पसंद का उल्लेख करना होगा कि क्या वे ब्याज का भुगतान करेंगे और उपयोग या क्षति के लिए मुआवजे का दावा करेंगे या नहीं।