चण्डीगढ़, 10 जुलाई- हरियाणा सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सैकेंडरी स्कूलों में स्थापित किए गए एजूसेट सिस्टम को सही ढंग से प्रयोग करने हेतू सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जाएगी ताकि ग्रामीण आंचल के स्कूलों में एजूसेट प्रणाली को सुचारू रूप से बिजली दी जा सके। इसके अलावा, राज्य सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 1190 मैगावाट सौर उर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये इस वर्ष 220 स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर ऊर्जा के प्लांट स्थापित किये जायेगें।
यह जानकारी आज पंचकूला में हरियाणा के नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री डा. बनवारी लाल ने विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी तथा राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए दी। इस समारोह में पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता तथा कालका की विधायक श्रीमति लतिका शर्मा विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर उर्जा को बढावा देने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा बड़े स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 160 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सौर उर्जा प्लांट स्थापित किये जा चुके है और स्कूलों, आंगनवाडी केन्द्रों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, गौशलाओं तथा सरकारी भवनों की छतों पर सौर उर्जा प्लांट लगाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों को सौर उर्जा पम्प लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके लिये किसानों को यह पम्प लगाने के लिये लागत खर्च पर 75 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। इसके लिये लगभग 1600 करोड रूपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कोयले और पैट्रोल से बिजली उत्पादन न केवल मंहगा है बल्कि इससे वातावरण में प्रदूषण भी अधिक फैलता है। उन्होंने इस मौके पर सौर उर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 से लेकर 2018 तक केवल 440 मैगावाट सौर उर्जा का ही उत्पादन हुआ और अब सरकार ने मात्र एक वर्ष में 1190 मैगावाट सौर ऊर्जा बिजली के उत्पादन का संकल्प लिया है।
पंचकूला के विधायक श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने सौर ऊर्जा जैसे ज्वलंत मुददे पर कहा कि सौर ऊर्जा हमें सूर्य से निशुल्क में मिलती है और इसे हम स्वयं पैदा कर सकते हैं, इसलिए सरकार इस ऊर्जा को बढावा दे रही है ताकि लोग इस ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को उद्योग का भी दर्जा दिया गया है और 500 वर्ग गज के मकानों के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि एलईडी लाईटों से 80 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होती है और हमें ऊर्जा के उत्पादन व बचत पर बल देना चाहिए।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.सी. गुप्ता ने बताया कि सौर उर्जा को बढावा देने के साथ साथ उर्जा संरक्षण पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को फाइव स्टार मोटर पम्प लगाने के लिये प्रेरित किया गया है और इसके लिये सरकार किसानों को फाइव स्टार मोटर पम्पों को किफायती मूल्य पर उपलब्ध करवायेगी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश पर पिछले 5 वर्षो से लम्बित 43 हजार कृषि नलकूप के कनैक्शन जारी करने के साथ-साथ नये कनैक्शन के लिये 31 दिसम्बर, 2018 में प्राप्त अन्य 47 हजार आवेदनों पर भी तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है ताकि इन कनैक्शनों को जल्द से जल्द जारी किया जा सकेें। ऐसे सभी आवेदक किसानों को इन कनैक्शनों के लिये डिमाण्ड नोटिस भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 650 मैगावाट क्षमता के 10 सौर उर्जा उत्पादन पार्क भी विकसित किये जा रहे है।
नवीन एवं नवीनीकरण उर्जा विभाग की महानिदेशक डा. रेणू एस. फूलिया ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा बनाये जाने वाले भवनों तथा निजी संस्थानों के लिये उर्जा सरंक्षण बिल्डिंग कोड 2017 की अनुपालना अनिवार्य की गई है। इस तकनीक के आधार पर बनने वाले मकान न केवल ऊर्जा सरंक्षण में सहयोगी होंगे बल्कि एयर-कंडीशनरों के कारण वातावरण में फैलने वाले कार्बनडाईक्साइड प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में एलईडी बल्वों का प्रयोग अनिवार्य किया गया है और यह बल्व 80 प्रतिशत बिजली की बचत करते है।
आज के इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री ने उर्जा संरक्षण में उल्लेख्नीय कार्य करने वाले संस्थानों को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। एक मैगावाट से अधिक उर्जा संरक्षण के लिये राज्य स्तर का प्रथम पुरस्कार गुडइयर इण्डिया लिमिटिड फरीदाबाद, एक मैगावाट से कम उर्जा सरंक्षण के लिये सहकारी चीनी मिल शाहबाद, 500 किलोवाट क्षमता के ऊर्जा संरक्षण के लिये बीएसएनएल मेन टैलीफोन एक्सेंज तोशाम को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार, 30 किलोवाट क्षमता में ऊर्जा संरक्षण हेतू गीता विद्या मन्दिर गल्र्ज कालेज,सोनीपत को प्रथम और राजकीय बहु-तकनीकी संस्थान,मोरनी,पंचकूला को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। आवसीय भवन की श्रेणी में ऊर्जा संरक्षण के लिये विल्ंिगटन एस्टेट कंडोमीनियम एसोशियेसन को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम में वाद-विवाद प्रश्नोतरी प्रतियोगिता के जोनल और राज्य स्तर के पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
इस मौके पर विभाग द्वारा तैयार की गई ऊर्जा सरंक्षण पुस्तिका का विमोचन भी नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डा. बनवारी लाल, पंचकूला के विधायक ज्ञान चंद गुप्ता और कालका की विधायक श्रीमती लतिका शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान एनर्जी कनसरवेंशन बिल्डिंग कोडस पर एक संगोष्ठïी का भी आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिनिधियों ने ऊर्जा सरंक्षण पर अपनी-अपनी प्रस्तुति दी और विभिन्न प्रकार की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.सी. गुप्ता, महानिदेशक डा. रेणू एस. फूलिया, पंचकूला के अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह व विभाग के वरिष्ठï अधिकारी व विभिन्न संस्थानों के पदाधिकारी व छात्र उपस्थित थे