चण्डीगढ़, 23 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा पंचायत और विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ के प्रयासों से राज्य में पढ़ी-लिखी पंचायत होने के बाद अब हरियाणा अपने किसानों को जोखिम-फ्री तथा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने में सफल हुआ और प्रदेश पिछले पौने पांच वर्षों के कार्यकाल में बागवानी राज्य बनने के दिशा में आगे बढ़ा है।
यह जानकारी कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने प्रैस कल्ब में मीट दा प्रैस कार्यक्रम में अपने विभागों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुई दी। इसके साथ ही श्री धनखड़ हरियाणा मंत्रिमण्डल के पहले मंत्री बन गए है जिन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने का मन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस वाक्य के बाद में बन गया है कि जब उन्होंने कहा था कि वर्ष 2014 का जबाव 2019 में देंगे।
श्री धनखड़ ने बताया कि पंचायत एवं विकास मंत्री एवं विधायक होने के नाते सबसे पहले उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र बादली का रिपोर्ट कार्ड पंचायतों के समक्ष ग्रामसभा की बैठक में लगातार 10 दिन सभी 94 ग्राम पंचायतों में प्रस्तुत किया, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे और हजारों लोगों के समक्षजो विकास कार्य करवाएं उनकी जानकारी पॉवर प्रेजेटेशन के माध्यम से दी।
उन्होंने बताया कि अब वे सभी ग्राम पंचायतों को उनके गांव में किए गए विकास कार्यों ी जानकारी कलैण्डर के माध्यम से पहुंचाएंगे जिसका विमोचन भी आज श्री धनखड़ ने किया। उन्होंने बताया इस कलैण्डर में मंत्री मण्डल के कामों से लेकर सभी विभागों के कार्यालयों की जानकारी इस में अंकित होगी तथा बादली विधानसभा क्षेत्र के 65 हजार परिवारों के पास यह कलैण्डर पहुंचाया जाएगा।
किसानों को जोखिम-फ्री बनाने की अपने विभाग की एक सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि पिछले लगभग पांच वर्षों मे किसानों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे के लिए रूप में 4665 करोड़ रुपये वितरित किए गए है जिसमें 2665 करोड़ रुपये प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के, 1846 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए, भावान्तर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर व गोभी सब्जियों के भाव के अन्तराल को पूरा करने के लिए 12 करोड़ रुपये तथा पिछली सरकार के समय के लम्बित 240 करोड़ रुपये दिया जाना शामिल है। उन्होंने कहा कि हर खेत को जोकिखम-फ्री बनाने की और हम बढ़े हैं। ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा,फसलों को आग लगने से दिए जाने वाले मुआवजे को अब नहर टूटने से खेतों में पानी भरने के कारण फसलों के नुकसान को भी अब प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वामी नाथन आयोग की सिफारशों के अनुरूप फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत मुनाफे के साथ हर वर्ष सीएसीपी कीे बैठक में तय किए जाने का स्थायी फामूर्ला तय कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक बढ़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया है। श्री धनखड़ ने कहा कि किसानों की हर फसल की उपज की खरीद सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि यह कोई आसान काम नहीं है। सरसों के मामले में सात लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई, जबकि केन्द्र सरकार की और से 2.5 लाख मीट्रिक टन खरीद की अनुमति थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 18 लाख क्विंटल बाजरे की खरीद की गई। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी, मुंग व चन्ने की खरीद भी सरकारी एजेंसियों से करवाया गया जबकि ऐसी फसलों की खरीद सुनिश्चित किसी भी अन्य राज्यों ने नहीं की है चाहे वे हमारा पड़ोसी राज्य पंजाब ही क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को आय भी 16 हजार रुपये प्रति क्व्ंिाटल तक बढ़ी है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के घाटे को पूरा करने के लिए सरकार ने वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई है। इसके अलावा,चीनी मिलों को 40 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों की उनके गन्ने की खरीद के भुगतान के लिए अलग से आर्थिक सहायता भी दी गई है।
श्री धनखड़ ने कहा कि सरकार के पिछले पौने पांच वर्षों के कार्यकाल में हम हरियाणा को बागवानी राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़े है। करनाल में महाराणा प्रताप बगवानी विश्वविद्यालय खोलने के साथ-साथ इसके चार क्षेत्रीय अध्ययन खोले जा रहे इसके अलावा हर जिले में उत्कृष्टता केन्द्र खोला जा रहा है अब तक 11 जिलों में उत्कृष्टता केन्द्र खोले जा चुके हैं। बागवानी विभाग का बजट बढ़ाकर 510 करोड़ रुपये किया गया है, 340 गांवों को बागवानी गांव घोषित किया गया है। इसके अलावा, भावान्तरभरपाई योजना में बागवानी फसलों को शामिल किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदमों के फसलस्वरूप हरियाणा को वर्ष 2017 के सर्वश्रेष्ठ बागवानी राज्य पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
उन्होंने पशुधन विकास व हरियाणा को श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे जानकारी देते हुए श्री धनखड़ ने बताया कि राज्य में बेहतर नस्ल के दुधारू पशु उपलब्ध हों, इसके लिए प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये के ईनाम पशुओं की दूध देने की क्षमता के अनुसार देना आरंभ किया है, जिसमें 27 लिटर या उससे ऊपर तक दूध देने वाली मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए 30,000 रुपये तथा 12 लिटर दूध देने वाली गाय को 20000 रुपये का ईनाम दिया जा रहा है। गाय, भैंस, सांड व झोटों की सौंदर्य प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया और 2.5-2.5 लाख रुपये तक के ईनाम दिए गए।
श्री धनखड़ ने कहा कि इसके अलावा, 50 दूधारू पशुओं की डेरी खोलने के लिए पशुपालक द्वारा लिए गए ऋण का ब्याज भी सरकार अपने ओर से वहन करती है। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन के मामले में हम हरियाणा को न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया से आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धतता 835 ग्राम से बढक़र 1087 ग्राम तक पहुंची है। इसी प्रकार, 6.8 लिटर प्रति पशु दूध उत्पादकता 7 लिटर प्रति पशु हुई है। उन्होंने कहा कि डेरी प्रबन्धन के मामले में हम विदेशों की तर्ज पर कार्य कर रहे हैं, चाहे वह चारे का मामला हो या पशु के तापमान में रहने का मामला हो। उन्होंने कहा अच्छी नस्ल व अधिक दूध वाले पशुओं के ही सांड व झोटे तैयार हों, इसके लिए शीघ्र ही हरियाणा पशु नस्ल प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चार करोड़ की जनसंख्या के बाजार की रोजमर्रा की जरूरतें जैसे कि दूध, फल, सब्जियां, फूल, अण्डे, मांस-मछलियां हरियाणा के किसान पूरा करें इसके लिए हम पैरी-एग्रीकल्चर अवधारणा पर आगे बढ़ें। बेहतर जल प्रबंधन की ओर हम आगे बढ़ें हैं, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में ऐसी-ऐसी टेलों पर पानी पहुंचाया गया है जहां पिछले 30 सालों में कभी नहीं पहुंचा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के हाथों हरियाणा को कृषि कर्मण अवार्ड तथा वर्ष 2018 का खुले में सोच से मुक्त करवाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र का स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
श्री धनखड़ ने बताया कि पढ़ी-लिखी पंचायत होने के बाद पंचायतों की सामाजिक सारोकार में भागीदारी बढ़ाने के लिए हरियाणा ने पहली बार रेनबो स्टार पंचायत का दर्जा देने की पहल की है। अच्छी पंचायत के लिए पहले देश में अन्ना हजारे का गांव राणेगन सिद्धि का नाम जाना जाता था परंतु हरियाणा में अनेकों ऐसे गांव हैं जो अपने बेहतर प्रबन्धन करने के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह पलवल जिले का नगला भीखु गांव हो या झज्जर जिले का सूरा या बावरा गांव हो, चरखी दादरी जिले की बाढड़ा ग्राम पंचायत हो या रोहतक जिले की काहनौर ग्राम पंचायत हो। इन सब ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी नई पहचान बनाई है। इसके अलावा, पंचायती राज संस्थानों को और अधिक सुदृढ़ करने व शक्तियों के विकेन्द्रीयकरण करने के लिए अंतर जिला परिषद का गठन किया गया है, जिसकी सराहना केन्द्रीय वित्त आयोग के सदस्यों ने भी अपने हरियाणा दौरे के दौरान की। उन्होंने बताया कि बेहतर जल प्रबन्धन के लिए हरियाणा राज्य तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में फूलों की मंडी की स्थापना की जा रही है। सोनीपत के गन्नौर अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी टर्मिनस को गति देने के लिए संयुक्त उद्यम (एसपीवी) का गठन किया गया है। बासमती के निर्यात में हरियाणा देश में अव्वल है और गन्नौर की मंडी बनने के बाद फल एवं सब्जियों के निर्यात की भी संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने बताया कि अब खाद्यान्नों के उत्पादन की गुणता बढ़ाने की बजाय गुणवत्ता के मांग बढ़ रही है। जैविक व ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग देश में बढ़ रही है।
एक प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने कहा कि भाजपा ने अपने पिछले विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में किये गए वायदों को न केवल पूरा किया है बल्कि उससे भी बढक़र कार्य किया है। पढ़ी-लिखी पंचायतें देने, टेल तक पानी पहुंचाने, स्टार रेटिंग वाली पंचायतें देने का वायदा घोषणा पत्र में नहीं था लेकिन फिर भी हमने इसे पूरा किया है। उन्होंने बताया कि उनकी अध्यक्षता में विधानसभा 2019 के घोषणा पत्र का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
इस अवसर पर प्रैस क्लब के अध्यक्ष श्री डी.एस.रावत, महासचिव संदीप दुग्गल, विनीत जोशी के अलावा बड़ी संख्या में ट्राईसिटी के पत्रकार उपस्थित थे।