गुरूवार, July 25, 2019

चंडीगढ़, 25 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने युवाओं, विशेषकर उत्तरी राज्यों में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति को गंभीरता से लिया और इसके लिए उन्होंने गत वर्ष उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक प्लेटफार्म पर लाकर मादक पदार्थों की बिक्री व इसके कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए सांझा रणनीति तैयार करने की पहल की थी और उसी कड़ी में आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने आज उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के दूसरे सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ लडऩे के लिए महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर हकोका अधिनियम बनाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज चंडीगढ़ में आयोजित नशे पर अंकुश लगाने के लिए पांच राज्यों, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और दिल्ली, जम्मू कश्मीर तथा केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के प्रतिनिधियों के बुलाए गए सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में बढ़ती नशे की लत वास्तव में गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए युवाओं को नशे के मकडज़ाल से बाहर निकालने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके आज को बचाना अति आवश्यक है। यह लड़ाई राजनीतिक लड़ाई न होकर एक सामाजिक समस्या है तथा सभी राज्यों को सांझा रणनीति बनाकर लडऩी होगी। इसके लिए राज्यों की सीमाएं आगे नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें नशे की आपूर्ति करने वाले लोगों की चेन को तोडऩा होगा है और इसके सभी राज्यों को एक सांझा डाटाबेस तैयार करना होगा वह चाहे नशा तस्करों का हो या नशे का प्रयोग करने वाले लोगों का हो।

उन्होंने कहा कि पिछले सम्मेलन के तहत कई विषयों पर चर्चा की गई थी और संयुक्त रूप से सभी राज्यों की सहमति बनी थी कि पंचकूला में एक अन्तरराज्यीय ड्रग नियंत्रण सचिवालय की स्थापना की जाए जो संचालित किया जा चुका है और सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों के व्हट्स नम्बर, मोबाइल तथा ई-मेल पतों की जानकारी इस पर उपलब्ध है। सभी राज्यों का डाटाबेस तैयार होने से हमें सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के आदी व्यक्ति से उसके परिवार के सदस्य भी दु:खी रहते हैं। समाज व उस मोहल्ले के स्थानीय लोगों से नशे का प्रयोग करने वाले व नशा उपलब्ध करवाने वालों की जानकारी जनसाधारण से प्राप्त करने के लिए जिला व खण्ड स्तर पर विशेष टास्कफोर्स का गठन भी हरियाणा शीघ्र ही करेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस गंभीरता से कार्य कर रही है। गुरुग्राम में हरियाणा पुलिस ने दो नीइजीरियन युवकों को भी नशा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि आज की बैठक में नशे के खिलाफ लडऩे के लिए एक ठोस रणनीति पर सहमति बनाएंगे जिससे हम मादक पदार्थों की अवैध तस्करी व बिक्री में शामिल व्यक्तियों के गैंग को खत्म करने में सफल होंगे और नशे के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रयोग की जा रही सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को अपनाएंगे।

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करने व समाज के युवा वर्ग की ऊर्जा को नशे व अन्य नकारात्मक गतिविधियों से हटाकर सकारात्मक तथा सृजनात्मक कार्यों में लगाने हेतू प्रेरित करने के लिए हरियाणा द्वारा राहगिरी व मैराथन दौड़ आयोजित की जाती हैं। इसी क्रम में पिछले एक वर्ष में लगभग 370 राहगिरी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिनमें करीब 8 लाख 60 हजार नागरिकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इसी प्रकार, हरियाणा ने गत दिनों राज्य के नशे से सबसे प्रभावित जिला सिरसा में रन-अंगेस्ट-ड्रग्स का आयोजन किया जिसमें 50,000 से अधिक युवाओं ने दौड़ में शामिल होकर नशे के खिलाफ लडऩे का संकल्प लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने न केवल मादक पदार्थों की अवैध तस्करी व बिक्री में शामिल व्यक्तियों को पकडऩे के लिए कड़े कदम उठाए हैं, बल्कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तह तक पहुंचने के लिए भी कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं। हम इसके लिए 3ई पर काम कर रहे हैं, जिसमें;Enforcement, Education and Entertainment of Civil Society;शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मादक पदार्थों के सन्दर्भ में अंकित अभियोगों के अनुसंधान के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तथा उसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन द्वारा प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं ताकि इन अभियोगों के अनुसंधान अधिकारी को सभी कानूनी प्रक्रियाओं का भली भान्ति ज्ञान हो और न्यायालयों में मामले को सही ढंग से प्रस्तुत कर सकें।

उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े अपराधी जो नशीले पदार्थों की बड़ी खेप के साथ पकड़े जाते हैं उनकीInterrogationरिपोर्ट का रिकार्ड रखा जाये। इन रिपोर्ट से ड्रग नेटवर्क व गैंग तथा उनके लिये वित्त व्यवस्था करने वालों की जानकारी हासिल करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में भी ऐसा बड़ा ड्रग गैंग या कोई बड़े पैमाने पर ड्रग का कारोबार करने वाला व्यक्ति पकड़ा जाता है, तो सदस्य राज्य उसकीInterrogationरिपोर्ट निर्धारित प्रेफार्मा में तैयार करें और उसकी एक प्रति अन्तरराज्यीय ड्रग सचिवालय को भेजे। इससेInterrogation;रिपोर्ट का एक बड़ा रिकार्ड उपलब्ध हो जायेगा, जिससे विभिन्न ड्रग तस्करों, गैंग और उनकी गतिविधियों का विश्लेषण करने में जानकारी मिलेगी।

सम्मेलन को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री टी.एस. रावत, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार श्री के.के.शर्मा, केन्द्र शासित प्रदेश चण्डीगढ़ के पुलिस महानिदेशक संजय बेनिवाल व दिल्ली के विशेषकर पुलिस अधीक्षक सतीश गलोचा ने भी सम्बोधित किया और हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा नशे के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए की गई पहल का स्वागत किया और कहा कि यह एक अच्छी पहल है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने इस विषय पर मुख्यमंत्रियों के अगले सम्मेलन की मेजबानी मार्च, 2020 में शिमला में करने की पेशकश की।

बाद में, सभी राज्यों की ओर से बनी सहमति पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने संयुक्त ब्यान प्रस्तुत किया। सम्मेलन में हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एस.प्रसाद, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सीआईडी अनिल राव के अलावा अन्य राज्यों के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।