शुक्रवार, August 30, 2019

चंडीगढ़, 30 अगस्त- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) विधेयक, 2019 को स्वीकृति प्रदान की गई।

संशोधन के तहत, राज्य में उद्यमियों तथा उद्योगों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा उद्यमों को शामिल करने, पहले से ही स्वीकृत मंजूरी के नवीनीकरण, एकल खिडक़ी तंत्र के दायरे में सेवाओं और विभागों के विस्तार, लचीली समय सीमा और नोडल अधिकारियों को शक्तियां प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

ये संशोधन हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड और अधिकारप्राप्त कार्यकारी समिति को त्वरित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करने और उद्यमों को समयबद्ध तरीके से डीम्ड स्वीकृति देने के अधिकार भी प्रदान करेंगे। समयबद्घ रूप से सेवा का निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 तर्ज पर समान प्रावधान किए गए हैं।

हरियाणा सरकार ने एकल बिन्दु स्वीकृति एवं निवेशक अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाकर राज्य में उद्योगों तथा अन्य परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन में प्रमोटर्स की सहायता करने और सरलीकृत विनियमन ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 लागू किया। यह महसूस किया गया कि मौजूदा व्यवसायों को इस अधिनियम का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि लाइसैंसों का नवीनीकरण अधिनियम के दायरे से बाहर था।

हरियाणा सरकार ने पिछड़े वर्गों के उत्थान और उन्हें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम से ऋण लेने में सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम की सरकारी गारंटी सीमा को 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की है।

इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निजी सुरक्षा एजेंसियां (विनियमन) अधिनियम, 2005 के तहत हरियाणा निजी सुरक्षा एजेंसियां (कैश (रोकड़) परिवहन गतिविधियों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2019 बनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई ताकि कैश परिवहन के कार्य में लगी निजी सुरक्षा एजेंसियों का बेहतर विनियमन सुनिश्चित किया जा सके।

सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों और अन्य वित्तीय सेवा प्रदाता निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बख्तरबंद कार सेवा का उपयोग करके नकदी एवं कीमती वस्तुओं के सुरक्षित संचालन एवं परिवहन की आउटसोर्सिंग कर रहे हैं। ये निजी स्वामित्व वाली कैश वैन और करेंसी वाल्टस उपद्रवियों के लिए सॉफ्टटारगेट बन गए हैं। इस संबंध में विभिन्न राज्य पुलिस एजेंसियों ने ऐसी कई घटनाओं की सूचना दी है और असामाजिक तत्वों के हाथों में बड़ी मात्रा में नकदी जाने का खतरा बढ़ गया है।

अत: निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नकदी परिवहन गतिविधियों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु मानक संचालन प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करना आवश्यक हो गया है। नियमों के तहत, कोई भी निजी एजेंसी बिना लाइसेंस के नकद परिवहन के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी और वे विशेष रूप से डिजाइन किए गए और निर्मित कैश वैन का उपयोग करेंगी। निजी एजेंसियां अपेक्षित संख्या में प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध करवाएंगी और इस प्रकार नकदी परिवहन के लिए तैनात कर्मियों के पूर्ववृत्त की जांच केवीसी सत्यापन और पुलिस सत्यापन के माध्यम से की जानी चाहिए। कैश वैन के संचालन के दौरान उनमें लाइव जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, वैन में सीमित नकदी रखने के संबंध में उचित दिशानिर्देश तैयार किए जाने चाहिए। बैंक मुद्रा की होल्डिंग और रातभर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले निजी कैश वाल्ट्स के लिए विशिष्टता निर्धारित की जानी चाहिए और जोखिम को कम करने के उपायों को भी निर्दिष्ट किया जाना चाहिए। कर्मियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिये जाने के अतिरिक्त उनका प्रमाणीकरण भी किया जाना चाहिए।