सोमवार, September 2, 2019

चण्डीगढ़, 2 सितम्बर - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सहकारी बैंकों के ऋणी किसानों को बड़ी राहत पहुंचाते हुए एकमुश्त निपटान स्कीम के तहत उनके फसली ऋणों के ब्याज व जुर्माने की 4750 करोड़ रुपये की राशि माफ करने की घोषणा की है। इस घोषणा से प्रदेश के लगभग दस लाख किसानों को लाभ होगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मूल ऋण की अदायगी करने की अंतिम तिथि भी बढ़ाकर 30 नंवबर, 2019 करने की घोषणा की है।

श्री मनोहर लाल ने यह घोषणा आज जन आशीर्वाद यात्रा के 12वें दिन भिवानी के लोक निर्माण विश्राम गृह में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के खाते इन बैंकों द्वारा एनपीए घोषित कर दिए गए थे और किसान अपने ऋणों को नया नहीं करवा पा रहे थे, इस घोषणा के बाद वे अपनी फसलों के ऋण खातों का चक्र बदलवा सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को सिर्फ अपनी मूल ऋण राशि ही जमा करवानी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ब्याज व जुर्माने की राशि के निपटान के लिए यह एकमुश्त राहत प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक कृषि एवं सहकारी समितियों (पैक्स) से लगभग 13 लाख किसानों ने ऋण ले रखे हैं, जिनमें से 8.25 लाख किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पैक्स के फसली ऋणों की चार प्रतिशत ब्याज दर राज्य सरकार वहन करती है और तीन प्रतिशत नाबार्ड वहन करता है। फसली ऋणों की अदायगी समय पर न करने वाले किसानों पर पांच प्रतिशत की दर से पैनल्टी लगाई जाती थी, जो अब पूरी तरह माफ की जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्याज दर की चार प्रतिशत राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी तथा नाबार्ड की तीन प्रतिशत ब्याज की दर में से 1.5 प्रतिशत हरियाणा सरकार तथा 1.5 प्रतिशत पैक्स अपने स्तर पर वहन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्स के ऋणी किसानों को इस घोषण से 2500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि इसी प्रकार, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से 85 हजार किसानों ने 3000 करोड़ रुपये के ऋण लिए हुए हंै। इनमें से 32 हजार किसानों के 800 करोड़ रुपये के खाते एनपीए हो गए हंै। उन्होंने बताया कि इन खातों के निपटान के लिए एकमुश्त निपटान योजना के तहत, जिस तिथि से खाते को एनपीए में डाला गया था, उस तिथि से 30 नवम्बर, 2019 तक मूल राशि के साथ साधारण ब्याज देय होगा। इसके तहत, 5 लाख रुपये से कम ऋण के लिए दो प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये तक के ऋण के लिए पांच प्रतिशत तथा दस लाख से अधिक के ऋण के लिए दस प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज लिया जाएगा और इससे किसानों को 1800 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी श्रेणी के हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक(लैंड मोरगेज बैंक) के 1.10 लाख ऋणी किसान हैं, जिनमें से 70 हजार किसानों के खाते एनपीए घोषित किए जा चुके हैं। इन किसानों की मूल ऋण राशि 750 करोड़ रुपये है तथा ब्याज व जुर्माने की राशि 1400 करोड़ रुपये देय बनती है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों के किसानों का पूरा पैनल ब्याज माफ कर दिया जाएगा। किसानों को केवल सामान्य ब्याज का 50 प्रतिशत ही देना होगा, शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। लैंड मोरगेज बैंक के ऋणी किसानों को इस योजना से 450 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी स्वयं किसानों को समृद्ध करने के प्रति संजीदा हैं और पिछले दो सीजन से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि लागत के 50 प्रतिशत लाभ के साथ घोषित किए हैं। उन्होंने कहा कि धान व गेहूं की फसलों की खरीद केंद्र सरकार की ओर से भारतीय खाद निगम करता है जबकि अन्य फसलों की खरीद राज्य सरकार अपनी खरीद एजेसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य दो हजार रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।

इस अवसर पर सांसद धर्मबीर सिंह, नायब सिंह सैनी व संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, विधायक घनश्याम सर्राफ, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) पंकज सेतिया के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।