चंडीगढ़, 2 सितंबर- केंद्र सरकार जहां अक्षय एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है तो हरियाणा सरकार भी उसके कदम से कदम मिला रही है। इस क्रम में हरियाणा बिजली वितरण कंपनियों ने गत तीन वर्षों में 2200 मेगावाट के अक्ष्य एवं नवीकरणीय उर्जा खरीद अनुबंध किए हैं तथा 1120 मैगावाट बिजली के खरीद अनुबंध अंतिम चरण में हैं।
हरियाणा बिजली वितरण निगमों के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अक्तूबर 2014 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अक्षय उर्जा पर विशेष ध्यान देते हुए बिजली निगमों को दिशा निर्देश दिए, परिणामस्वरुप बिजली वितरण निगमों के सीएमडी शत्रुजीत कपूर के प्रयासों से निगमों ने यह सफलता हासिल की है। वर्ष 2011 में रेवन्यूएबल प्रचेज आबलिगेशन (आरपीओ) शुरु हुआ तथा सभी राज्यों को अक्ष्य उर्जा खरीदने के लक्ष्य दिए गए थे परंतु वर्ष 2015 तक राज्य में अक्षय एवं नवीकरणीय उर्जा की उपलब्धता केवल 234.4 मेगावाट थी। परंतु, इसके बाद तीव्र गति से इस दिशा में काम हुआ तथा 2200 मेगावाट नवीकरणीय उर्जा के अनुबंध किए गए हैं। वर्तमान में निगमों के पास नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 500 मेगावॉट है जो आने वाले दो वर्ष में 3600 मेगावॉट होना अनुमानित है।
उन्होंने बताया कि इस अवधि में 1190 मेगावाट पवन ऊर्जा, 31.77 मेगावाट बिजली वेस्ट टू एनर्जी (कचरे से बनाई जाने वाली), 66.2 मेगावाट बिजली बायोमास परियोजनाओं से और लगभग 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा से पैदा की जाने वाली बिजली के खरीद अनुबंध (पावर प्रचेज एग्रीमेंट) करने का कार्य किया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय के निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार राज्य को वर्ष 2021-22 तक कुल बिजली खपत का 10.5 प्रतिशत सौर उर्जा एवं 10.5 गैर सौर उर्जा अक्षय एवं नवीकरणीय स्रोतों से हासिल करनी है। बिजली निगमों के अधिक प्रयासों के परिणामस्वरुप हरियाणा प्रांत अक्षय एवं नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में लक्ष्य से भी दो प्रतिशत अधिक अर्थात 23 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर लेगा।
वर्ष 2017 में किए गए पवन ऊर्जा के अनुबंध में से 100 मेगावाट बिजली की सप्लाई गत मार्च माह से आरंभ हो चुकी है। दिसंबर 2019 तक 500 मेगावाट और जुलाई 2020 तक 590 मेगावाट शेष पवन ऊर्जा भी मिलनी शुरु जाएगी। सौर ऊर्जा पर भी पूरा फोकस किया गया है। इसके तहत अगले वर्ष में 500 मेगावाट और अप्रैल 2021 में 440 मेगावाट व दिसंबर 2021 में सौर ऊर्जा की 300 मेगावाट सौर उर्जा सप्लाई सुनिश्चित हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तरह वित्त वर्ष 2021-22 में एनटीपीसी व एचपीजीसीएल से 793 मेगावाट सौर ऊर्जा बिजली की सप्लाई अनुमानित है। इसी प्रकार कचरे से बनाई जाने वाली 31.77 मेगावाट बिजली की सप्लाई वित्त वर्ष 2020-21 में संभावित है, बायोमास से बनने वाली 66.2 मेगावाट बिजली की सप्लाई भी 2022 तक संभावित है। हरियाणा में इस समय 12350 मेगावाट बिजली उपलब्ध है।
निगम के प्रवक्ता ने बताया कि 2021-22 तक प्रदेश में कुल बिजली सप्लाई का लगभग 40 प्रतिशत भाग अक्षय एवं नवीकरणीय तथा जल परियोजनाओं (हाइड्रो पावर) से उपलब्ध होगा।