चंडीगढ़, 19 नवंबर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी टर्मिनस, गन्नौर को राष्ट्रीय महत्व की मार्किट (एमएनआई) में शामिल करवाने के लिए केन्द्र सरकार के साथ प्रक्रिया को तत्काल आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की लम्बित विभिन्न परियोजनाओं के सम्बंध में बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने तीन चरणों में 537 एकड़ 5 कनाल व 13 मरला भूमि पर विकसित की जा रही इस परियोजना के पहले चरण के लिए राज्य सरकार के अनुदान तथा हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, एचएसआईआईडीसी, हैफेड, हरियाणा राज्य भण्डागार निगम इत्यादि विभिन्न एजेन्सियों के माध्यम से इक्विटी पूंजी के रूप में निवेश की जाने वाली 400 करोड़ रुपये की राशि भी तुरंत प्रभाव से इस योजना के लिए गठित किये गए स्पेशल पर्पज व्हिकल (एसपीवी) के लिए उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष राशि फडिंग केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से अनुदान के रूप में या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) तथा नीति आयोग से ऋण के रूप में प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
बैठक में हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक डॉ० जे.गणेशन ने एचएमटी, पिंजौर की प्रस्तावित सेब मंडी, गुरुग्राम के सैक्टर-52ए में प्रस्तावित फूल मंडी पर भी विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी टर्मिनस, गन्नौर के लिए हरियाणा अंतरराष्ट्रीय बागवानी विपणन निगम का गठन पहले ही किया जा चुका है। इसके अलावा, डॉ० आर. यादव को स्पेशल पर्पज व्हिकल (एसपीवी) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बैठक में डॉ० जे.गणेशन ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार बोर्ड की 11174 सम्पत्तियों की पारदर्शी ढ़ंग से ई-नीलामी के लिए 28 अगस्त, 2019 को पोर्टल लांच किया गया तथा 3 सितम्बर से 30 अक्तूबर के बीच आरम्भ की गई ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से 26 मण्डियों की 543 सम्पत्तियों को नीलामी के लिए रखा गया, जिनमें से 15 मण्डियों में 79 सम्पत्तियां सफलतापूर्वक नीलाम की गई और बोर्ड को 34.25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएसआईआईडीसी एवं एचएसवीपी की सम्पत्तियों के लिए भी ऐसे ही पोर्टल आरम्भ किया जाना चाहिए और हर वर्ष सम्पत्तियों की आरक्षित मूल्य राशि को संशोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से जिस प्रकार भू-मालिक अपनी भूमि को बेचने का स्वैच्छा से विकल्प चुनते है उसी प्रकार बोर्डों को भी अपनी सम्पत्ति बेचने के लिए जनता को यह सुविधा देनी चाहिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर 15 दिन में हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की लम्बित परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी और अगली बैठक में अधिकारी बोर्ड ऑफ डायरेटरस में एजेण्डा पारित करवाकर पूरी तैयारी के साथ बैठक में आएं।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि गन्नौर की मण्डी को राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं में शामिल करवाने से पहले इसे कृषि उत्पाद विपणन अधिनियम से बाहर निकालना होगा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि आगामी बैठक से पहले-पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमा शंकर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक श्री अजीत बाला जी जोशी, गन्नौर मण्डी के एसपीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आर. यादव, बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ अर्जुन सैनी के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।