रविवार, December 8, 2019

चंडीगढ़, 8 दिसम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भौरसैयदां की फूड प्रोसेसिंग यूनिट से प्रदेश के एक हजार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस प्रकार की यूनिट लगाने से युवक 20 हजार रुपये प्रतिमाह की आय प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिये इस यूनिट पर 6 मास का प्रशिक्षण दिया जायेगा और प्रशिक्षण के उपरांत युवक अपना रोजगार स्थापित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल आज कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के वैश्विक गीता पाठ में शामिल होने से पहले गांव भौरसैयदां के प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा के फूड प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन करने पहुंचे।

यहां पर मुख्यमंत्री ने मशरूम प्लांट के बीज बनाने से लेकर कम्पोस्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया, पैकेजिंग सिस्टम के साथ-साथ तमाम गतिविधियों की जानकारी हासिल की। प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री को इस यूनिट के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि इस यूनिट से आस-पास के 5 गांवों के करीब 100 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।

मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट का अवलोकन करने के उपरांत उन्होंने कहा कि भौर सैयदां गांव में प्रगतिशील किसान हरपाल सिंह बाजवा ने एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट और मशरूम फार्म का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस यूनिट से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। आज गीता जयंती के पावन अवसर पर हरपाल सिंह ने आश्वासन दिया है कि वे इस यूनिट में एक हजार युवाओं को 6 मास का प्रशिक्षण देंगे। इस प्रशिक्षण के उपरांत युवा 20 हजार रुपये प्रतिमाह कमाने के योग्य हो जायेंगे। इस प्रकार की यूनिट लगाकर वे मशरूम और अन्य उत्पादों का उत्पादन कर सकेंगे।

हरपाल सिंह बाजवा ने कहा कि उन्होंने 1995 में कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण लेने और पीएनबी से 50 लाख रुपये का ऋण लेने उपरांत मशरूम फार्म स्थापित किया। इस फार्म को बागवानी विभाग के सहयोग से बड़े प्रोजेक्ट का रूप दिया गया। अब इस जगह पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है। इस यूनिट में जिले का जो भी किसान टमाटर, पालक, सरसों, लहसुन सहित अन्य उत्पादों को लेकर आयेगा, उसे न्यूनतम मूल्य से 50 पैसे अधिक पैसा प्रति किलो के हिसाब से दिया जायेगा।

इस यूनिट में रोजाना कम से कम 25 से 30 टन टमाटर की खपत है और इसमें पालक, सरसों तथा लहसुन का भी प्रयोग किया जाता है। इस फार्म हाउस की मशरूम कनाडा भेजी जाती है। सरसों का साग भी अब कनाडा भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न का भी प्रोजैक्ट बागवानी विभाग के सहयोग से लगाया जा रहा है। इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर वर्ष 2012 से अब तक 3 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। अब पराली से कम्पोस्ट बनाया जायेगा।