रविवार, जनवरी 5, 2020

चडीगढ, 5 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के आने से पड़ोसी देशों से प्रताडि़त लोगों को नागरिकता मिलने के रास्ते खुल गए हैं। इस अधिनियम के तहत हरियाणा में भी ऐसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी और अब वे भारत के नागरिक बन कर खुशहाल जीवन जीएंगे।

मुख्यमंत्री आज पंचकूला के सैक्टर 10 में घर-घर जाकर इस अधिनियम के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोगों को नागरिकता संशोधित अधिनियम (सीएए) के प्रति सचेत एवं जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस अधिनियम से देश के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं जाएगी बल्कि सीएए पड़ोसी देशों के धार्मिक तौर पर प्रताडि़त अल्पसंख्यक लोगों की नागरिकता सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि सीएए के संसद में पास होने पर कुछ लोगों ने भ्रांतियां फैलाने का काम शुरू कर दिया जिसके कारण देश व प्रदेश में अराजकता का माहौल बन गया। लोगों में फैली हुई भ्रांतियों को दूर करने के लिए हमने लोगों तक सही एवं स्टीक संदेश देने का निर्णय लिया है। इसीलिए पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया है जिसका शुभारम्भ हरियाणा के पंचकूला से किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पड़ोसी पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बंगलादेश आदि देशों में हिन्दु, सिख, जैन, बौद्ध, इसाई आदि कम संख्या में होने के कारण जलालत सहनी पड़ती थी जिसके कारण वे उन देशों को छोडक़र भारत आ गए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पहले 1955 के कानून के तहत 11 साल बाद नागरिकता देने का प्रावधान था लेकिन अब इस अधिनियम के तहत 2014 से पहले भारत में आए लोगों को नागरिकता दे दी जाएगी । उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेेयी के शासनकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने भी प्रताडि़त लोगों को नागरिकता देने पर विचार करने बारे कहा था।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पाकिस्तान में सिख गुरुद्वारे पर हुए पथराव के प्रति पीडा होती है इसलिए हमें पाकिस्तान सरकार के रवैये के विरूद्ध मानवाधिकार आयोग के समक्ष आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएए का साहित्य छपवाकर वितरित किया जा रहा है। इसलिए लोगों को सीएए को भली-भांति पढक़र और मोबाईल नम्बर 8866288662 पर मिसड कॉल देकर इसके समर्थन में अपनी सहमति दें। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे नागरिकता संशोधित बिल को सहमति अवश्य प्रदान करें।