चंडीगढ़, 6 जनवरी- हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक वित्तीय अधिकार प्रदान करके उन्हें सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज घोषणा की कि पहली अप्रैल, 2020 से व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए लाभानुभोगियों को वित्तीय सहायता की अदायगी पंचायत समितियों के माध्यम से की जाएगी। तब तक, यह अदायगी सम्बन्धित अतिरिक्त उपायुक्तों के द्वारा की जाएगी। इस योजना के तहत लोगों को अपने घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए 12,000 रुपये का पुन: भुगतान किया जाएगा।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई स्वच्छ भारत मिशन और राज्य स्तरीय कार्य बल की एक बैठक में लिया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को विशेष रूप से ऐसे शहरों, जहां दुधारू पशुओं की डेयरियां हैं, में गोबर के प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सीवरेज में रुकावट उत्पन्न न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में जब तक योजना तैयार नहीं हो जाती, तब तक वाहनों का इस्तेमाल करके डेयरियों से गोबर एकत्रित किया जाए और उसका उचित रूप से निपटान किया जाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें गोबर से बायोगैस उत्पन्न करने की सम्भावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए।
शोधित व्यर्थ पानी का समुचित उपयोग करने पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीवरेज उपचार संयंत्रों के माध्यम से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, तीन-तालाब प्रणाली और पांच-तालाब प्रणाली के माध्यम से शोधित अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल भी सिंचाई के लिए किया जाना चाहिए, जिसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को योजनाएं तैयार करने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सीवरेज सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार की महाग्राम योजना के तहत 10,000 से अधिक की आबादी वाले गांवों में भी सीवरेज उपचार संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि करनाल में रात में सफाई करने के प्रयोग के उत्साहवर्धक परिणाम रहे हैं और इस व्यवस्था को अन्य शहरों में भी अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए लघु मकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की खरीद के निर्देश दिए।
इसी दौरान, श्री मनोहर लाल ने राज्य कार्य बल, जिसके अध्यक्ष पानीपत (ग्रामीण) के विधायक श्री महीपाल ढांडा हैं, को निर्देश दिए कि प्रदेश में स्वच्छता मिशन के घटकों को और गति प्रदान करने के लिए हर महीने बैठक आयोजित की जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य कार्य बल को एक कार्य योजना तैयार करने और स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में कार्य करते हुए स्वच्छता के मामले में हरियाणा को देश का अग्रणी राज्य बनाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य कार्य बल के गैर-सरकारी सदस्यों को स्वच्छता के सम्बन्ध में लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने और इस अभियान में लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने 15 दिनों के भीतर हर जिले के लिए जिला कार्य बल गठित करने के भी निर्देश दिए ताकि जमीनी स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो सके।
बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 1,359 ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 722 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 172 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी बताया गया कि 152 ग्राम पंचायतों के 22 क्लस्टर्स का चयन किया गया है, जिन्हें 11.68 करोड़ रुपये वार्षिक की अनुमानित लागत से पूर्ण रूप से ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के अनुरूप बनाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि अब तक 1,323 तरल कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और इस सम्बन्ध में 555 ग्राम पंचायतों में कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 412 ग्राम पंचायतों में कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी बताया गया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 में हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर और उत्तरी भारत में स्वच्छतम राज्य रहा, क्योंकि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 के दौरान हरियाणा के गांवों को सबसे स्वच्छ पाया गया।
बैठक में पानीपत (ग्रामीण) के विधायक एवं राज्य कार्य बल के अध्यक्ष श्री महीपाल ढांडा, फरीदाबाद के विधायक श्री नरेन्द्र गुप्ता, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव श्री कृष्ण कुमार बेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री अमित कुमार अग्रवाल और राज्य कार्य बल के सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।