चण्डीगढ़, 8 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम के दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने खेडक़ी दौला टोल प्लाजा को हटाया जाना तय हो चुका है और इसके स्थानांतरण के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। टोल स्थानांतरित करने वाली एजेंसी ने टोल प्लाजा का निर्माण करने तथा इसे स्थानांतरित करने के लिए एक वर्ष का समय मांगा है।
मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम में रियल स्टेट से जुड़े हितधारकों के साथ प्री-बजट परामर्श बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। प्रदेश में पहली बार आम बजट बनाने से पहले समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव लेने के लिए शुरू की गई प्री-बजट परामर्श बैठक के दूसरे सत्र में मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट से जुड़े प्रतिनिधियों से बात करके उनसे बजट में शामिल करने योग्य सुझाव आमंत्रित किये। बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधि इस बात से खुश थे कि प्रदेश में पहली बार इस तरह की पहल करके आम बजट बनाने से पहले विभिन्न वर्गों की राय ली जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट डेवलपर्स के सामने कहा किवे दूर-दराज के क्षेत्रों से शहर में काम पर आने वाले लोगों को शहर के नजदीक ही सस्ती रिहायशी सुविधा उपलब्ध करवाना चाहते हैं।
उन्होंने इसे वॉक टू वर्क का नाम देते हुए कहा कि हर शहर में प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर दूर से लोग काम के लिए आते हैं। ऐसे लोगों के लिए रियल एस्टेट डेवलपर सस्ते मकान बना कर दें जो रेंट अर्थात किराए, लीज या फ्री होल्ड पर उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खरीदने की क्षमता रखता हो, वह मकान खरीद ले और जो लीज पर लेना चाहे, वह लीज पर ले ले। इसी तरह जो किराए पर लेना चाहे, उसे किराए पर मकान मिल जाए। यही नहीं, कुछ समय के बाद यदि कोई परिवार उस मकान को बेचकर जाना चाहे तो उसके लिए भी बाई बैक की पॉलिसी हो।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार का जिला मुख्यालय के साथ 5000 मकान बनवाने का लक्ष्य है और पूरे प्रदेश में रियल एस्टेट डेवलपर्स के माध्यम से ऐसे लगभग एक लाख मकान बनवाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे मकान बिल्डर स्वयं जमीन खरीद कर बनाए, राज्य सरकार केवल फैसिलिटेट करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि फरीदाबाद, गुरुग्राम तथा सोनीपत जिलों में ऐसे मकानों की जरूरत कम है लेकिन प्रदेश के पानीपत, करनाल, जींद आदि जिलों में ऐसे मकानों की जरूरत ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने रियल एस्टेट डेवलपर्स से कहा कि वे ऐसे मकान बनाने के लिए प्लान बना कर लाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा 15 से 20 लाख रुपए तक कीमत के मकान बनाए जाएं, जिन्हें गरीब आदमी हर महीने 2 से 3 हजार रुपये देकर हासिल कर सके। ऐसे मकान लगभग 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनाए जा सकते हैं जिसमें 2 कमरे तथा बाथरूम व किचन की सुविधा हो।
उन्होंने कहा कि इससे प्रतिदिन दूर-दराज से शहरों में काम पर आने वाले लोगों का सडक़ पर दबाव कम होगा और उन्हें अपने रोजगार के स्थान के निकट ही रहने की सुविधा मिलेगी। यही नहीं, वह व्यक्ति अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दिलवा पाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बिल्डर तथा रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने ईडीसी के खातों का मिलान करके उनकी तरफ बकाया ईडीसी राशि का भुगतान जल्द करें। उन्होंने कहा कि इन दिनों गुरुग्राम प्रशासन द्वारा सर्कल रेट रिवाइज करने का प्रस्ताव जिला की वेबसाइट पर डालकर लोगों से 10 जनवरी तक सुझाव व दावे आमंत्रित किए हुए हैं। इन प्रस्तावित कलेक्टर रेट को देखें और प्रशासन को सुझाव दें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, विधायक सुधीर सिंगला, सत्यप्रकाश जरावता, राकेश दौलताबाद, डीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.एस कुंडू, नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग के प्रधान सचिव ए.के. सिंह, हिपा की महानिदेशक सुरीना राजन, नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग के निदेशक के.एम. पांडुरंग, गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त विनय प्रताप सिंह और उपायुक्त अमित खत्री भी उपस्थित थे।