गुरूवार, जनवरी 9, 2020

चंडीगढ़, 9 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज मधुबन स्थित हरियाणा सशस्त्र पुलिस के वच्छेर स्टेडियम में आयोजित दीक्षांत समारोह में 86वें बैच के 1647 महिला एवं पुरूष सिपाहियों को उनके प्रशिक्षण पूरा होने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के बाद वे अपनी ड्यूटी के प्रति पहला कदम रखेंगे। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन से करीब 10 महीने का प्रशिक्षण लिया है, उससे उनका आजीवन भावनात्मक लगाव रहेगा इसलिए इस जमीन की मिट्टी से तिलक करें।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों ने अपना कैरियर बनाने के लिए पुलिस सेवा को चुना, यह बड़े गर्व की बात है, क्योंकि पुलिस और दूसरे विभागों के सामान्य कर्मचारियों की ड्यूटी में काफी अंतर रहता है। दूसरे कर्मचारी कैलेंडर के हिसाब से चलते हैं लेकिन पुलिस का कोई कैलेंडर नहीं होता। कोई त्यौहार हो या राजपत्रित अवकाश, पुलिस हमेशा ड्यूटी पर दिखाई देती है जो चुनौती भरा कार्य है। पुलिस सेवा में भर्ती के दौरान महिलाओं की संख्या पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में इनकी संख्या मात्र 6 प्रतिशत थी जो अब 10 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं का सशक्तिकरण और उनमें आत्म विश्वास बढ़ाने के लिए हरियाणा में 29 महिला पुलिस थाने खोले गए हैं जो कुशलता से अपना कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी के कंधों पर एक बड़ा दायित्व है। उनकी नौकरी केवल आजीविका कमाने के लिए नहीं है बल्कि उसमें समाजसेवा का भाव निहित है। आज भ्रष्टाचार समाज के सामने एक बड़ी चुनौती है जो एक नासूर की तरह है। मुझे उम्मीद है कि पुलिस के जवान न केवल इससे दूर रहेंगे बल्कि समाज से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए काम करेंगे। समाज मेरा है, हरियाणा मेरा है, इसको आगे बढ़ाने के लिए काम करना है, इस तरह की भावना रखेंगे। पुलिस जवानों द्वारा ली गई शपथ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बोले गए एक-एक शब्द को याद रखना है और ईमानदारी व निष्पक्षता का पालन करने का संकल्प बनाए रखना है।

सरकार की ओर से पुलिस विभाग में दी गई सुविधाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारी के लिए कोई छुट्टी का प्रावधान नहीं था, अब इनको सप्ताह में एक छुट्टी दी गई है। इसके अलावा पुलिस के लिए आवासीय सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि हर वर्ष करीब 5000 नई पुलिस भर्तीयां की जाएंगी ताकि सेवानिवृत्ति के बाद कम हुई संख्या को संतुलित रखा जा सके। उन्होंने बताया कि अन्य विभागों के साथ-साथ पुलिस विभाग में भी सुविधा दी गई है कि किसी भी कर्मचारी को अपना कैरियर बढ़ाने के लिए अब एनओसी लेने की जरूरत नहीं है, केवल अपने विभाग को सूचना देनी होती है।

पुलिस महानिदेशक हरियाणा मनोज यादव ने समस्त पुलिस परिवार की ओर से मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1975 में मधुबन में पुलिस परिसर की स्थापना हुई थी और वर्ष 1976 से यहां नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुए। वर्ष 2002 में इसे एचएपी का दर्जा मिला। अब यह देश के सर्वोत्तम पुलिस अकादमी में से एक है। यहां न केवल हरियाणा बल्कि हिमाचल, नागालैंड, गोवा, दिल्ली, बिहार जैसे राज्यों के जवान व सीबीआई के अतिरिक्त अफगानिस्तान व श्रीलंका के पुलिस जवान भी प्रशिक्षण ले चुके हैं। गत 44 वर्षों में अब तक 7 लाख 49 हजार 472 जवान प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने आज के दीक्षांत समारोह में शामिल पुलिस जवानों के बारे में कहा कि इनमें अधिकांश योग्यता के अनुसार प्रतिभाशाली और उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। जिनमें 542 पोस्ट ग्रेजुएट, 983 गे्रजुएट तथा 843 मैट्रिक पास हैं। उन्होंने उम्मीद की कि अच्छे पढ़े-लिखे होने के कारण पुलिस के ये जवान आधुनिक व पेशेवर दक्षता के साथ जनसेवा कर गौरव बढ़ाएंगे और ये बैच सर्वश्रेष्ठ साबित होगा।

इससे पूर्व दीक्षांत समारोह में शामिल पुलिस जवानों ने शानदार परेड का प्रदर्शन कर मार्च पास्ट किया। जवानों ने भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखने तथा देश की प्रभुसत्ता और अखंडता बनाए रखने की शपथ ली। शपथ में कहा गया कि वे अपने कत्र्तव्यों का देशभक्ति, ईमानदारी व निष्पक्षता से पालन करेंगे तथा मानव अधिकारों के प्रति तत्पर रहेंगे। जवानों ने शपथ ली कि वे वायु, जल व भूमि जिस मार्ग से भी जाने की आज्ञा होगी, डयूटी के लिए जाएंगे और अपने उच्च अधिकारियों की आज्ञाओं का तन-मन से पालन करेंगे चाहे उसमें उनके प्राण जाने का भी भय क्यों न हो।

पुलिस जवानों की परेड का नेतृत्व रिक्रियूट महिला सिपाही प्रीति तथा सैकेंड कमांडर हंसराज ने किया। पुलिस प्रशिक्षण के 86वें बैच में ओवरआल द्वितीय स्थान हासिल करने वाली बीटैक पास सिपाही मीनाक्षी को मुख्यमंत्री ने 31 हजार रुपये देकर पुरस्कृत किया। इसी प्रकार बैस्ट इंडोर कलस्टर में ओवरआल रहने पर बीएससी पास सिपाही टीनू को भी 10 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। जबकि परेड कमांडर कांस्टेबल प्रीति को ओवरआल बैस्ट आऊटडोर कलस्टर के लिए 10 हजार रुपये का नकद पुरस्कार व प्रशंसा पत्र दिया गया और बीटैक मैकनिकल सिपाही रणबीर सिंह को ओवरआल बैस्ट इन आऊटडोर कलस्टर के लिए प्रथम श्रेणी प्रशंसा पत्र व 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।

एचएपी के निदेशक योगेन्द्र नेहरा ने दीक्षांत समारोह के समापन पर मुख्यमंत्री, आए हुए अतिथियों, प्रशिक्षणार्थियों व उनके सगे-संबंधियों का धन्यवाद किया। इस मौके पर एडीजीपी सीआईडी अनिल राव, एडीजीपी श्रीकांत जाधव, एसपी मधुबन वसीम अकरम, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार भोरिया तथा भाजपा के जिलाध्यक्ष जगमोहन आंनद उपस्थित रहे।