चंडीगढ़, 15 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का उद्देश्य केवल उन लोगों को सम्मानजनक जीवन देना है, जो दशकों से पीडि़त रहे हैं। भारत के अल्पसंख्यकों का इस कानून से कोई लेना-देना नहीं है।
श्री मनोहर लाल ने आज पानीपत में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताडि़त होकर आए लोगों को संरक्षित करना ही इस कानून का मूल उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव की इसी मानसिकता का परिणाम है कि 1947 में पाकिस्तान में जहां अल्पसंख्यकों की संख्या 23 प्रतिशत थी, वह 2011 में मात्र 3.7 प्रतिशत रह गई। पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 प्रतिशत थी जो 2011 में 7.8 प्रतिशत रह गई। ऐसे पीडि़त लोग भारत में ही अपने आश्रय की आस लेकर यहां आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बाहर के अल्पसंख्यकों को सम्मान देने और उन्हें अनुकूल वातावरण देने के लिए नागरिक संशोधन अधिनियम लाने की पहल की है। यह कानून उन लोगों के लिए बना है जो भारत के प्रति आस्था रखते हैं। इस अधिनियम में किसी भी धर्म या समुदाय को पीडि़त करने की बात ही नही हैं। इस अधिनियम में नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का प्रावधान किया गया है। भारत की नागरिकता पाने के लिए पहले उनका 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था। अब यह अवधि घटाकर पांच साल की गई है। यह कानून पड़ोसी देशों से आए ऐसे लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई को लाभ दिया गया है और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी धर्म या उससे जुड़े समुदाय को आज तक प्रताडि़त नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर, 1947 को महात्मा गांधी ने हरियाणा में ही नूंह जिले के गांव घासेड़ा में एक सभा में खुले तौर पर कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख, हर नजरिए से भारत आ सकते हैं, अगर वे वहां निवास नहीं करना चाहते हैं। उस स्थिति में, उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कत्र्तव्य है।
उन्होंने प्रदेश की जनता को बधाई देते हुआ कहा कि यहां की जनता ने इस विषय को बड़ी समझदारी के साथ समझा है और राज्य में किसी प्रकार की भ्रांति, अशांति अथवा हिंसा की एक आवाज तक नहीं आई।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश प्रभारी डा. अनिल जैन, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, सांसद संजय भाटिया, पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा और पूर्व मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार ने भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के पक्ष में अपने विचार रखे।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल सिंह, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा, सांसद डा. अरविन्द शर्मा, रमेश कौशिक, नायब सिंह सैनी, विधायक मोहन लाल बडौली, कृष्ण मिढ्ढा, निर्मल चौधरी, पूर्व मंत्री कर्णदेव कम्बोज, कविता जैन, पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी, भगवान दास कबीरपंथी, मीडिया सलाहकार अमित आर्य समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।