शुक्रवार, जनवरी 17, 2020

चंडीगढ़, 17 जनवरी- हरियाणा में महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने विभागों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए वर्षभर व्यापक अभियान चलाने और इसे एक जन आंदोलन बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह के अलावा राज्य के 100 चुनिंदा स्थानों पर पिंकाथन (महिलाओं के लिए मैराथन) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों महिलाएं भाग लेते हुए महिला सुरक्षा के संदेश का प्रसार करेंगी।

श्री मनोहर लाल राज्य में महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा के लिए यहां एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने विभागों को इन पहलों के कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार का मुख्य ध्यान महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण पर होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की एक भी घटना खतरनाक है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के साथ-साथ लोगों को भी समाज में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आगे आना चाहिए।

उन्होंने पुलिस विभाग को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में एक अभियान शुरू करने के निर्देश दिए ताकि लड़कियों को मोबाइल एप्लिकेशन ‘दुर्गा शक्ति’ ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जा सके, जिसे मुख्यमंत्री द्वारा संकट के समय में तत्काल मदद लेने के लिए उन्हें एक मंच प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। कोई भी महिला मुफ्त में इस ऐप को डाउनलोड कर सकती है और मात्र ‘अलर्ट’ बटन दबाकर तत्काल पुलिस सहायता ले सकती है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस वर्ष के दौरान ऐप के 10 लाख डाउनलोड का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब दुर्गा शक्ति ऐप की सफलता के बाद, विभाग को दुर्गा शक्ति प्लस की ओर आगे बढऩा चाहिए तथा इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें और अधिक कार्यक्षमताओं को जोडऩा चाहिए।

उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा डार्क स्पॉट्स की पहचान करने के लिए शहरी इलाकों में स्ट्रीट लाइटिंग की मैपिंग की जाए ताकि ऐसे स्थाानों पर स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं को कम करने में काफी मदद मिलेगी।

बैठक में बताया गया कि राज्य के सभी जिलों में महिला शिकायतकर्ताओं के लिए विशेष रूप से ‘महिला पुलिस थाने’ खोले गए हैं। अब तक, ऐसे 32 पुलिस स्टेशन जिला और उप-मण्डल स्तर पर संचालित हैं। प्रत्येक पुलिस स्टेशन में परामर्श केंद्र, महिला हेल्पलाइन, महिला पीसीआर और एंटी ईव टीजिंग और दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स (डीएसआरएएफ) के कर्मचारियों और जिला संरक्षण अधिकारी की सुविधा उपलब्ध है।

यह भी बताया गया कि हर पुलिस स्टेशन में बलात्कार और अन्य अपराधों से पीडि़त महिलाओं और बच्चों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए वकील की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, उप-मण्डल स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। राज्य के सभी जिलों में महिला हेल्प लाइन नंबर 1091 चालू है। थाने में संकटग्रस्त महिलाओं के पहुंचने के बाद अधिकतम एक या दो घंटे के भीतर महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध की रिपोर्ट दर्ज करने के स्थायी आदेश जारी किए गए हैं।

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एन. रॉय, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज यादव, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती दीप्ति उमाशंकर, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता, सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग के निदेशक श्री पी.सी. मीणा, वित्त विभाग की सचिव श्रीमती सोफिया दहिया और राज्य सरकार के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।