चंडीगढ़, 9 फरवरी- हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के लोगों को ई-गवर्नेंस के तहत नागरिक केंद्रित सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी करने पर भारत सरकार ने राज्य को ‘गोल्ड अवार्ड’ से सम्मानित किया है। भारत सरकार के केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआर एंड पीजी) द्वारा मुंबई में आयोजित किए गए 23वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में यह अवार्ड मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. राकेश गुप्ता ने प्राप्त किया।
हरियाणा सरकार ने नागरिक केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी करने हेतु ई-गवर्नेंस के तहत जो दृढ़ता से प्रयास किए हैं, उन्हें केंद्र सरकार द्वारा मान्यता दी गई है और पुरस्कृत किया गया है। ‘नागरिक-केंद्रित वितरण प्रदान करने में उत्कृष्टता’ की श्रेणी में ‘गोल्ड अवार्ड’ के लिए अंत्योदय सरल परियोजना को चुना गया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, यह हरियाणा के लिए बहुत गर्व की बात है कि राज्य सरकार की ई-गवर्नेंस पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है और उन्हें पुरस्कृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुरस्कार से उत्साहित राज्य सरकार अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए नागरिक-केंद्रित सेवाओं के वितरण हेतु कैशलेस, पेपरलेस और फेसलेस तंत्र लगाने की प्रक्रियाओं को और बेहतर करेगी।
अंत्योदय सरल परियोजना ने न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, दक्षता में सुधार और सेवाओं की परेशानी से मुक्त वितरण सुनिश्चित करने में मदद की है, बल्कि हरियाणा को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में एक नई पहचान भी दी है।
मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि हरियाणा की विशाल आईटी क्षमता ने राज्य को देश में एक प्रमुख साइबर-हब के रूप में उभरने में मदद की है। राज्य ने हरियाणा के 2.5 करोड़ लोगों को ई-नागरिक बनाने का लक्ष्य रखा है।
डॉ. गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि फरवरी, 2017 में अंत्योदय सरल परियोजना की परिकल्पना की थी और इसका कार्यान्वयन जुलाई, 2017 में शुरू हुआ था। इसमें राज्य में संपूर्ण सेवा वितरण ढ़ांचे की फिर से कल्पना करना और एक मौलिक व्यवहार परिवर्तन करना शामिल था, जैसा कि सरकार ने किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय और आईटी विभाग द्वारा एक मजबूत सहायक भूमिका के साथ हरियाणा के 38 विभागों, सभी जिला प्रशासन और एनआईसी, हरियाणा का एक बड़ा सहयोगी प्रयास रहा है।
अंत्योदय सरल के प्रमुख उद्देश्यों में एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सभी योजनाओं और सेवाओं को लाना, जिला, उप-मंडल और तहसील स्तर पर अत्याधुनिक नागरिक सेवा वितरण केंद्रों की स्थापना करना, अटल सेवा केंद्र (सीएससी), पर सभी योजनाओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है और यह सुनिश्चित करते हुए कि योजनाएं और सेवाएं राज्य के लोगों तक पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पहुंचाई जाएं।
सिस्टम द्वारा दर्ज आंकड़ों का विवरण सांझा करते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि प्रत्येक वर्ष हरियाणा में लगभग 1 करोड़ आवेदन ऑनलाइन प्राप्त होते हैं और अंत्योदय सरल मंच के माध्यम से 70 लाख से अधिक प्राप्त होते हैं। अंत्योदय सरल हेल्पलाइन (1800-2000-023) के माध्यम से हर महीने योजनाओं और सेवाओं के बारे में 1 लाख से अधिक प्रश्नों और शिकायतों का समाधान किया जाता है।
आवेदनों की स्थिति की जानकारी देने के लिए हर महीने नागरिकों को 15 लाख से अधिक एसएमएस भेजे जाते हैं। हर महीने नागरिकों को किए गए फीडबैक कॉल के माध्यम से औसतन विभागों को नागरिक संतुष्टि के लिए 5 में से 4.3 की रेटिंग मिली है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि पिछले दो वर्षों में, हरियाणा सरकार ने हरियाणा राइट-टू-सर्विस एक्ट 2014 के तहत अधिसूचित समय अवधि के भीतर अपने आवेदनों की 88.2 प्रतिशत डिलीवरी की है।
अंत्योदय सरल के लागू होने के बाद प्राप्त आवेदनों में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक प्रक्रियाओं या कार्यवाहियों के समय में 16 प्रतिशत की कमी आई है और आने वाले महीनों में और सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
अंत्योदय सरल सभी राज्यों में स्वीकार्य है क्योंकि पोर्टल एनआईसी, भारत सरकार और एनआईसी हरियाणा द्वारा विकसित किया गया है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि अंत्योदय सरल मंच पर 38 विभागों की 526 योजनाओं और सेवाओं को लाया गया है।