चंडीगढ़, 28 फरवरी - हरियाणा सरकार का वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कौशल विकास एवं औद्यौगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 847.97 करोड़ रुपये और रोजगार विभाग के लिए 416.02 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री राज्य का वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में सौर ऊर्जा बैकअप, प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली, नवीनतम उपकरण, पूर्ण रूप से प्रशिक्षित अमला, इंटरनेट कनेक्शन और सभी सुविधाओं से युक्त 24 नए आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से निकलने वाले प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण देने तथा उद्योगों से अग्रानुबंधन के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में पूर्णत: बदलाव किया गया है।
सत्र 2019-20 से 4 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और 4 नये निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रारम्भ किए गए हैं। साथ ही 22 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में निर्माण कार्य प्रगति पर है। आगामी सत्र में सिकरोना, इन्द्री और जीवन नगर में तीन नये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शुरू हो जाएंगे। राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना में 2016 से अब तक कुल 11485 राजकीय और निजी प्रतिष्ठान पंजीकृत हुए हैं और 76426 प्रशिक्षु नियुक्त किये गए हैं। हरियाणा ने वर्ष 2017-18 में प्रति लाख जनसंख्या पर अधिकतम प्रशिक्षु लगाने में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया था और आज भी इस क्षेत्र में सबसे आगे हैै।
हरियाणा सरकार और उद्योगों के बीच प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली के लिए 71 इकाइयों के साथ एमओयू किया गया है। 6 महीने से एक वर्ष तक पाठ्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को सम्बंधित उद्योगों में 3 से 6 महीने का कार्यस्थल पर प्रशिक्षण और दो साल तक के पाठ्यक्रम में 6 महीने से 12 महीने का कार्यस्थल प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने भी उद्योगों के साथ सुदृढ़ सम्पर्क स्थापित किया है और 69 एमओयू किये हैं। यह विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्कों को सुदृढ़ बनाने के लिए नेशनल ओपन कॉलेज नेटवर्क के माध्यम से ब्रिटिश सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के साथ एमओयू करने की प्रक्रिया में है। विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान डिप्लोमा/अवर स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर के 31 नये पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय ने व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रमों के लिए दूसरे संस्थानों को सम्बद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिसर में 12000 प्रशिणार्थियों का और सम्बद्ध पद्धति में 40000 प्रशिणार्थियों का कौशल विकास किया जाएगा।
बच्चों को दक्षता आधारित शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु विश्वविद्यालय सीबीएसई से सम्बद्ध विद्यालयों में शैक्षणिक स्तर 2020-21 से 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए भी फीडर स्कूल शुरू करेगा। हरियाणा कौशल विकास मिशन आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरुकता के अंतर्गत प्रदेश की कौशल पारिस्थितिकी के सुदृढ़ीकरण के लिए योजना बना रहा है। सक्षम पोर्टल पर पंजीकृत युवाओं सहित कुल एक लाख अतिरिक्त युवाओं को सम्बद्ध उद्योगों में रोजगार सक्षम बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित व उनका कौशल विकास किया जाएगा। वर्ष 2020-21 में हरियाणा कौशल विकास मिशन द्वारा उद्योग/भागीदार/विदेशी अभिकरण के सहयोग से राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, पन्नीवाला मोटा, सिरसा में एक अति आधुनिक आदर्श कौशल केन्द्र स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित सभी महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अंग्रेजी माध्यम से प्रशिक्षण का विकल्प दिया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानो के हर स्नातक को संस्थान छोडने से पहले नि:शुल्क पासपोर्ट प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग एक मोबाइल ऐप के माध्यम से आम जनता को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के स्नातकों की सेवाएं प्रदान करेगा ताकि नागरिक प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, बढ़ई, हार्डवेयर मरम्मत आदि की सेवाओं का लाभ उठा सकें।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। इस दिशा में पिछले कार्यकाल में किये गये प्रयासों को निरंतर जारी रखते हुए नई पहल भी की जाएंगी। आगामी बैसाखी के दिन एक नए रोजगार पोर्टल का आरम्भ किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के उन युवाओं का विवरण होगा जिन्होंने पिछले 3-5 वर्षों में किसी भी प्रकार का दीर्घकालिक प्रशिक्षण और कौशल प्राप्त किया है। इसमें रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत उम्मीदवारों के साथ-साथ आईटीआई, पॉलीटेक्निक, उच्च शिक्षा महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय, अल्पावधि कौशल प्राप्त उम्मीदवार शामिल होंगे। ऐसे सभी उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए सरकार नियोक्ताओं और जॉब एग्रीगेटर के साथ भागीदारी करेगी, जो हमारे युवाओं को लाभप्रद रोजगार प्रदान करने के प्रासंगिक स्रोत होंगे।
उन्होंने कहा कि रोजगार पोर्टल के साथ-साथ एक कॉल सैंटर भी स्थापित किया जाएगा, जो उम्मीदवारों के रोजगार की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध में सूचनाएं एकत्रित करेगा और उन्हें रोजगार के अवसरों की जानकारी उपलब्ध करवाएगा। वर्ष 2020-21 में निजी क्षेत्र में 25000 उम्मीदवारों को रोजगार के अवसरों से जोड़ा जाएगा। मेधावी युवाओं की पहचान की जाएगी और उन्हें हरियाणा की सरकारी नौकरियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कर्मचारी चयन आयोग, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, भारतीय रेलवे समेत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में भी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षा पास करने में सक्षम बनाने के लिए विशेष कोचिंग और प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगले दो वर्षों में सरकार का लक्ष्य कम से कम एक लाख उम्मीदवारों को हरियाणा की और राज्य से बाहर सरकारी नौकरियों से जोडऩे का है।
उन्होंने कहा कि सक्षम युवा उम्मीदवारों को सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी संगठनों में भी रोजगार के और अधिक अवसर प्रदान करवाए जाएंगे। सक्षम युवाओं लिए एक विशेष प्लेसमैंट सैल भी स्थापित किया जाएगा, जो उनके लिए रोजगार और कौशल के विशेष अवसर पैदा करेगा। राज्य में सभी तरह के अल्पावधि कौशल के लिए सिंगल पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि उम्मीदवार एक ही क्लिक पर सही कौशल प्रशिक्षण और उसके लिए प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी हासिल कर सके।