चंडीगढ़, 3 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो हरियाणा विधानसभा में सदन के नेता भी हैं, ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से उन्होंने यह प्रयास किया है कि केवल साल में दो बार विधानसभा सत्र बुलाए जाने के दस्तूर को न निभाया जाए बल्कि इनमें सदन की बैठकें अधिक से अधिक होनी चाहिए और सदस्यों को विधायी कार्यों में अधिक से अधिक रूचि लेनी चाहिए। पिछले कार्यकाल में सदन की 83 बैठकें हुई थी और इस बार उनका लक्ष्य है कि पांच वर्षों के सत्रों में सदन की कम से कम 100 बैठकें आयोजित हों।
मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इस दौरान सुशासन के अनेक कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
हरियाणा ग्रुप घ कर्मचारी (भर्ती एवं सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2020 जब चर्चा के लिए रखा गया तो मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि बिल लाने का मुख्य उद्देश्य गत वर्ष पारदर्शी तरीके से भर्ती किये गए ग्रुप डी के 18218 कर्मचारियों को भर्ती किया गया था, उनको नियुक्ति पत्र जारी करने सम्बंधित विभागों को इस बिल के माध्यम से नियुक्त प्राधिकारी के रूप में अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों से इस बात का विकल्प लिया गया था कि उनकी नियुक्ति किस विभाग में की जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 3500 के विकल्प प्राप्त हुए, जिनमें से लगभग 700 को स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बिल लाने का मुख्य उद्देश्य ग्रुप डी कर्मचारियों का पूरा राज्य के एक समान कॉडर बनाने का है ताकि उनकी वरिष्ठता सूची तैयार करते समय कोई दिक्कत न आए।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि गु्रप डी की भर्ती में बनाई गई नीति में सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों के लिए पांच अतिरिक्त अंकों का प्रावधान किया गया है, जिनके परिवार में अब तक कोई सरकारी सेवा में नहीं आया है या उसके पिता नहीं है। यह लाभ केवल हरियाणा अधिवासी उम्मीदवारों को ही दिया जाएगा बाकी राज्य के उम्मीदवारों को नहीं।