चण्डीगढ, 5 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राज्य के लोगों से आहवान करते हुए कहा कि प्रदेश में जहां कहीं भी प्रवासी श्रमिक किराए के तौर पर रह रहे हैं, उन संपत्तियों के मकान मालिक एक महीने की अवधि के लिए किराए के भुगतान की मांग नहीं करेंगे और यदि कोई मकान मालिक मजदूरों और छात्रों को अपना परिसर खाली करने के लिए मजबूर करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कारवाई की जाएगी। इस सम्बंध में सभी जिला उपायुक्तों को राज्य सरकार ने निर्देश दिए कि आदेशों की अवहेलना करने वाले मकान मालिको के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई करें।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में एक आदेश राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को जारी किए हैं जिनका अनुसरण हरियाणा सरकार द्वारा किया जा रहा हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में भी इन दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं ताकि लॉकडाउन का भाव बना रहे है और नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोडा जा सके। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाते हुए जिलोंं के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों व कोविड-19 के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों को भी दिशानिर्देश जारी किए हैं कि वे इन आदेशों व निर्देशों को सख्ती से क्रियान्वित करें।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार हरियाणा सरकार ने अपने संबंधित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रयों और गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की है। प्रवासी लोग, जो अपने गृह राज्यों व गृह शहरों तक पहुंचने के लिये राज्य में आ गए थे, उन्हें मानक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार न्यूनतम 14 दिनों के लिए उचित स्क्रीनिंग के बाद प्रदेश सरकार क्वारंटीन सुविधाओं द्वारा निकटतम चिन्हित परिसर में रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान बंद रहे प्रतिष्ठानों के सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योगों के हों या दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में, अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्य स्थलों पर, नियत तिथि पर, बिना किसी कटौती के करेंगे, के लिए भी राज्य सरकार द्वारा जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने -अपने जिलों में इन निर्देशों को सुनिश्चित करने का काम करें।
उन्होंने बताया कि यह भी निर्देश दिये गए हैं कि उपरोक्त उपायों में से किसी के उल्लंघन के मामले में, प्रदेश सरकार, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आवश्यक कार्रवाई करेगी और जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्क्त और पुलिस अधीक्षक इन निर्देशों के तहत जारी किए गए निर्देशों और लॉकडाउन उपायों के कार्यान्वयन के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी हैं।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वाणिज्यिक एवं निजी संस्थान बंद रहेंगें परंतु खाद्य सामग्री से जुडी दुकानें जैसे ग्रोसरी, फल एवं सब्जी की दुकान, दूध उत्पाद की दुकान, पशु आहार, उर्वरक, बीज और कीटनाशक इत्यादि की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए कि वे ऐसे दुकानदारों को उपभोक्ताओं के घर-द्धार पर होम डिलीवरी भी सुनिश्चित करने की सुविधा दें ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे है। इस अवधि के दौरान बैंक, बीमा कार्यालय, एटीएम, बैंकिंग कार्य, बैंकिंग कोरसपोडंस और नकद प्रबंधन एजेंसियों सहित प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया के अलावा सभी आवश्यक वस्तुओं जैसे फार्मास्यूटीकल, मैडीकल उपकरणों का ई-कामर्स के माध्यम से डिलीवरी को छूट रहेगी। इस अलावा, पैट्रोल पम्प, एलपीजी, गैस एजेंसी के स्टोरेज आऊटलेट इत्यादि को छूट रहेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लॉेकडाउन अवधि के दौरान किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए खेतों में श्रमिकों और खेती के कार्य को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, निजी सुरक्षा सेवाएँ, केवल सरकारी गतिविधियों के लिए कॉल सेंटर, फार्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि मशीनरी की दुकानें, इसके स्पेयर पाट्र्स (इसकी आपूर्ति श्रृंखला सहित) और खुले रहने के लिए आदेश दिए गए है। राजमार्गों पर ट्रक की मरम्मत के लिए दुकानें, विशेष तौर पर ईंधन पंपों पर भी खुली रहेंगी।
इसी प्रकार, लॉकडाउन अवधि के दौरान औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे लेकिन दवा, चिकित्सा उपकरणों, उनके कच्चे माल और इंटेमिडेट्स सहित आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयाँ, उत्पादक इकाइयाँ, जिन्हें राज्य सरकार से आवश्यक अनुमति प्राप्त है और जिनकी, निरंतर आवश्यकता होती है, खुली होंगी। खाद्य पदार्थों, दवाओं, और मेडिकल उपकरणों के लिए पैकेजिंग की विनिर्माण इकाइयाँ, उर्वरक, कीटनाशक और बीज की विनिर्माण और पैकेजिंग इकाइयाँ शामिल हैं, को खुले रहने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अवधि में सभी परिवहन सेवाए निलंबित रहेगी लेकिन केवल आवश्यक वस्तुओं के लिए परिवहन सेवाएं चालू रहेगी। पेट्रोलियम उत्पादों और एलपीजी, खाद्य उत्पादन, चिकित्सा आपूर्ति के लिए आवश्यक वस्तुओं के निर्यात के लिए क्रॉस बॉर्डर आवाजाही, संयुक्त कटाई जैसे फसल कटाई और बुवाई से संबंधित अंतर-राज्य आवाजाही को अनुमति दी गई है।
इस अवधि के दौरान सत्कार से संबंधित सेवाओं को भी बंद किया गया है लेकिन होटल, होम स्टे, लोज, और मोटल में आपात स्थिति के कारण जो पर्यटक और व्यक्ति फंसे हुए हैं, वे खुले रहेंगें और चिकित्सा और आपातकालीन स्टाफ भी इनका प्रयोग कर सकता है।
इसके अलावा, सभी शिक्षण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, कोचिंग संस्थान आदि बंद रहेंगे। सभी पूजा स्थल जनता के लिए बंद कर दिए जाएंगे और बिना किसी अनुमति के किसी भी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। सभी सामाजिक राजनैतिक / खेल / मनोरंजन अकादमिक / सांस्कृतिक धार्मिक कार्यों / समारोहों पर रोक होगी। अत्येेंष्टि के मामले में, बीस से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं होगी।
इसी प्रकार, संगठनों/ नियोक्ताओं को कोविड-19 वायरस के खिलाफ पुनरावृत्ति संबंधी सावधानियों को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, साथ ही साथ सामाजिक दूरी के उपाय और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर सलाह दी जा रही है। इन रोकथाम के उपायों का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों और आईपीसी के धारा 188 के अनुसार कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होगा।