चंडीगढ़, 29 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न इस संकट के समय में भी प्रदेश सरकार सरकारी भर्तियां करने के लिए प्रतिबद््ध है और वर्तमान परिस्थितियों में भी खाली पदों पर जिन-जिन विभागों में आवश्यकता होगी वहां पर सरकारी भर्तियां चालू रहेंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले और वर्तमान दोंनों समय के साढ़े 5 साल के कार्यकाल के दौरान हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से 86 हजार पदों पर भर्तियां पारदर्शी तरीके से की गई हैं जबकि पिछले सरकार के 10 वर्षों के पूरे कार्यकाल में 86 हजार भर्तियां की गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि साढ़े 12 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के बाद पाइपलाइन में हैं, जैसे ही लॉकडाउन खत्म होगा, उनका परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को आरंभ करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वïान और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में लॉकडाउन में थोड़ी छूट देते हुए 20 अप्रैल से औद्योगिक इकाईयां शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। अब इसके तीसरे चरण में औद्योगिक इकाईयों को खोलने के लिए हरियाणा राज्य को दो जोन में बांटने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत 15 जिले जहां कोरोना पॉजिटिव मामले 10 से कम है, उन जिलों के लिए अलग से जिला स्तरीय योजना बनाई जाएगी और शेष 7 जिलों नामत: गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूहं, सोनीपत, पानीपत और पंचकूला जहां कोरोना का प्रभाव अधिक है, इन 7 जिलों में ब्लॉक अथवा टाउन के अनुसार योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि जो उद्योग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने कम मजदूरों अर्थात 50 प्रतिशत श्रम शक्ति के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे, उन इकाईयों में 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक भी काम लिया जा सकता है, बशर्ते कि कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 59 के तहत उद्यमियों को 4 घंटे के ओवर टाइम का दुगना वेतन देना होगा।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाईयों को खोलेन के लिए दी गई रियायतों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में ईंट भट््ठे खोल दिए गए हैं, जिनमें लगभग 2 लाख 7 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, अन्य औद्योगिक इकाईयों में लगभग 5 लाख कर्मचारी एवं मजदूर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में 33 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ इकाइयों को कार्य संचालन की स्वीकृति दी गई है। शेष अन्य औद्योगिक इकाइयों को 50 प्रतिशत श्रमिक शक्ति के साथ कार्य करने की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि शहरों अथवा ं मोहल्ले की दुकानें और जहां कहीं केवल एक अकेली दुकान है ,ऐसे स्थान जो मार्केट का हिस्सा नहीं है, उनको छूट दी गई है और गांव में सभी छोटी-बड़ी दुकानों को खोल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों का हरियाणा के विकास में अहम योगदान है, जो 15-20 वर्षों से यहां रहकर कार्य कर रहे हैं, वे हरियाणा के परिवार का हिस्सा बन गए हैं और उनके प्रति भ्रातृ भाव है हरियाणा के लोगों में है। इसका उदाहरण देखने को मिला जब लगभग 15,500 हजार प्रवासी मजदूर राहत शिविरों में रह रहे थे और वह घर जाने लगे तब उन्होंने कर्मचारियों के पैर छूकर परिवार से भी अधिक की गई सेवा-भाव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह एक भावुक क्षण था, जो दर्शाता है कि प्रवासी मजदूर हरियाणा के परिवार का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि अभी भी जो मजदूर फसल कटाई के काम में लगे हैं, उन्हें कटाई के बाद उचित अवसर आते ही उनके राज्यों में भेजने के प्रबंध किए जांएगे, तब तक उनके रहने, खाने-पीने की सभी व्यवस्था की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी 90 विधायक, जिनमें 13 मंत्री भी हैं, सब ने अपना एक माह का वेतन हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दिया है, इसके साथ ही 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 अर्थात एक साल के वेतन का 30 प्रतिशत इस फंड में देने का वायदा किया है। इसी प्रकार, हरियाणा के राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभी मंत्रियों ने अपने स्वैच्छिक कोटा जो हर वर्ष लगभग 100 करोड से अधिक बनता है, उसमें से इस वर्ष 51 करोड़ रुपये कम खर्च करने का आवश्वासन दिया है ताकि सरकारी खर्च में बचत हो सके। उन्होंने बताया कि सभी बोर्डों, निगमों के चेयरमैनों ने एक महीने का वेतन इस फंड में दिया है। 42 भूतपूर्व विधायकों ने भी अपने एक माह की पेंशन में से अंशदान दिया है। इस प्रकार, राजनीतिक लोगों ने इस फंड में करोड़ों रुपये का योगदान दिया है, इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद चरणबद््ध तरीके से आर्थिक गतिविधियां बढ़ाई जा रही हैं। यह सिलसिला एक गाड़ी की तरह है जो पहले गेयर से आरंभ होकर धीरे-धीरे गति पकड़ कर पाँचवे गेयर तक जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 3 मई के बाद शीघ्र ही यह गाड़ी पाँचवें गेयर में बढ़ेगी और विकास की गति पटरी पर आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय जो है, उसमें अपनी जिंदगी को सुरक्षित रखना है और भावी पीढ़ी को अच्छा भविष्य देना हमारा दायित्व है।