बुधवार, May 6, 2020

चंडीगढ़, 6 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे जिस प्रकार आने वाली पीढ़ी के लिए अपनी जमीन को विरासत के रूप में छोड़ कर जाते हैं, उसी प्रकार पानी को भी विरासत मान कर चलें, तभी जमीन भावी पीढ़ी के लिए उपयोगी होगी, इसके लिए आज से राज्य सरकार द्वारा ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत इस सीजन में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसल बोने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आज यह घोषणा ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश का कुछ हिस्सा डार्क जोन हो चुका है, जिसमें 36 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां पिछले 12 वर्षों में भू-जल स्तर में पानी की गिरावट दुगनी हुई है अर्थात जहां पहले पानी की गहराई 20 मीटर थी, वो आज 40 मीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि जहां पानी की गहराई 40 मीटर से ज्यादा हो गई है और ऐसे 19 ब्लॉक हैं, लेकिन 11 ब्लॉक ऐसे हैं जिसमें धान की फसल नहीं होती है। परंतु 8 ब्लॉक नामत: रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद व सिरसा ऐसे हैं जहां भू-जल स्तर की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है और धान की बिजाई होती है ऐसे ही क्षेत्रों को इस योजना में शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि पंचायत के अधीन भूमि, जहां भूमि जल स्तर 35 मीटर से ज्यादा है, उन ग्राम पंचायतों को पंचायती जमीन पर धान लगाने की अनूमति नहीं होगी। प्रोत्साहन राशि सम्बंधित ग्राम पंचायत को ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन ब्लॉक के अलावा भी यदि बाकी ब्लॉक के किसान भी धान की बुआई करना छोडऩा चाहते हैं तो वे पूर्व में सूचना देकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे कि मक्का, अरहर, उड़द, ग्वार, कपास, बाजरा, तिल व ग्रीष्म मूंग (बैशाखी मूंग) की बुआई करने के प्रति अपना मन बनाएं। इससे भावी पीढ़ी के लिए पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मक्का की बिजाई के लिए आवश्यक कृषि यंत्रों की भी व्यवस्था की जाएगी। मंडियों में मक्का के लिए ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी। धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के साथ-साथ यदि किसान सूक्ष्म सिंचाई व टपकन सिंचाई प्रणाली अपनाते हैं तो 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को मक्का के उत्तम गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करवाने के लिए कुछ कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने किसानों को आवश्वासन दिया कि सरकार मक्का व दालों की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी।

उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की इस योजना की अधिक से अधिक किसानों को जानकारी मिले, इसके लिए इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और एक वेब पोर्टल भी बनाया जाएगा जिस पर कठिनाइयों को हल करने के लिए जानकारी दे सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण की ऐसी योजनाएं 15 से 20 वर्ष पहले बना दी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य राज्यों से भी हरियाणा के हिस्से के पानी की उपलब्धता के प्रबंध सुनिश्चित कर रही है, चाहे वह लखवार, केशाऊ व रेणूका बांधों से हो या एसवाईएल का पानी हो। इस पानी को लाने के लिए हम आगे बढ़े हैं, ताकि दक्षिण हरियाणा में पानी पहुंचे। उन्होंने कहा कि पीने के पानी के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी पानी का प्रबंध कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल जब जल संरक्षण की योजना की घोषणा की थी तब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इसकी प्रशंसा की थी। मैं मानता हूं कि जल संरक्षण का विषय प्रधानमंत्री के दिल के निकट है। इसके लिए बहुत सी योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से भी चलाई जा रही हंै।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि आज भी हिसार से बिहार के लिए लगभग 1200 प्रवासी खेतीहर मजदूरों को विशेष ट्रेन से नि:शुल्क उनके घर भेजा गया है। उन्होंने प्रवासियों से आग्रह किया कि वे किसी के बहकावे में बिल्कुल न आएं और यदि कोई पैसे मांगता है तो उसे पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरसों की कटाई और अन्य कृषि कार्यों में लगे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में वापस भेजने की व्यवस्था पहले ही राज्य सरकार द्वारा की जा चुकी है और जो बाकी बच गए हैं उन्हें भी भेजने की व्यवस्था सरकार लगातार कर रही है।

उन्होंने कहा कि गेहूं व सरसों की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। अब तक 50 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं तथा 4.50 लाख मीट्रिक टन सरसों की आवक हो चुकी है। किसानों को सरसों की खरीद की अदायगी के रूप में 800 करोड़ रुपए और गेहूं के लिए 820 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को इस बात की जानकारी भी दी कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से प्राप्त सूचना अनुसार मार्च, 2020 में जो कैदी या बंदी पैरोल पर आए थे और उनकी पैरोल अवधि समाप्त होने वाली है, ऐसे कैदी या बंदियों की पैरोल अवधि 5 सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई है।

उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान 40 दिन के बाद लॉकडाउन में कुछ रियायतें देकर बाजार खोलने में छूट दी गई है, परंतु दुकानें खुलने के बाद बाजारों में भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सभी लोग अनुशासन बना कर रखें, मास्क पहनें, अपने हाथों को धोते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन अवश्य करें।