चंडीगढ़, 21 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अगुवाई में राज्य सरकार इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कल 22 मई से 27 मई 2020 तक हरियाणा से बिहार, छतीसगढ़, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, असम व मेघालय के लिए 19 रेलगाडिय़ां चलानी प्रस्तावित हैं जिनमें बिहार के लिए 15, एक छतीसगढ़ के लिए व पूर्वाेत्तर भारत के राज्यों के लिए 3 रेलगाडिय़ों के लिए अनुमति भी मिल चुकी है। इन रेलगाडिय़ों में पूर्वोत्तर राज्यों के श्रमिकों को भी उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया जाएगा।
एडीजीपी सीआईडी श्री अनिल कुमार राव ने इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा इच्छुक प्रवासी श्रमिक और खेतीहर मजदूरों को उनके गृह राज्यों में हरियाणा सरकार की ओर से नि:शुल्क भेजने के लिए की गई घोषणा के बाद अब तक 2 लाख 38 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों व बसों के माध्यम से हरियाणा सरकार के खर्चे पर उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि आज 21 मई तक प्रदेश से 57 रेलगाडिय़ां प्रवासी श्रमिकों को लेकर उनके गृहराज्य जा चुकी हैं जिनमें से 40 रेलगाडिय़ां बिहार व 17 रेलगाडिय़ां मध्यप्रदेश गई हैं। उन्होंने बताया कि 4600 से अधिक बसों के माध्यम से भी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थल तक भेजा गया है। इनमें 4300 बसें उत्तरप्रदेश, 167 बसें राजस्थान, 73 बसें मध्यप्रदेश, 9 बसें पंजाब, 9 बसें उतराखंड तथा शेष बसें हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों में भेजी जा चुकी हंै।
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के विभिन्न जिलों से 400 बसों द्वारा उत्तरप्रदेश के 4 कलस्टरों बरेली,अलीगढ़, मुरादाबाद व इटावा के लिए करीब 12 हजार श्रमिकों को भेजा गया है। इसी प्रकार आज तीन रेलगाडिय़ों के माध्यम से बिहार के लिए कुल 3840 श्रमिकों को रवाना किया गया। इनमें अंबाला रेलवे स्टेशन से मुजफ्फरपुर (बिहार) के लिए 1200 श्रमिक, फरीदाबाद रेलवे स्टेशन से बरौनी (बिहार)के लिए 1400 श्रमिक तथा हिसार रेलवे स्टेशन से किशनगंज (बिहार) के लिए 1240 श्रमिकों को रेलगाड़ी के माध्यम से भेजा गया।
एडीजीपी सीआईडी ने आगे बताया कि गृहराज्य भेजे गए प्रवासी श्रमिकों में से एक लाख 17 हजार से अधिक श्रमिक उत्तरप्रदेश, 50 हजार से अधिक बिहार, 28 हजार से अधिक मध्यप्रदेश व 15 हजार से अधिक उतराखंड राज्य के श्रमिकों को उनकी इच्छा के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा उनके गृह राज्य भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयासों से अब पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों को भी तीन विशेष रेलगाडिय़ों में उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 मई को जो रेलगाड़ी गुरूग्राम से चलकर वाया गुवाहाटी होते हुए दीमापुर (नागालैंड) जाएगी उसमें अरूणाचल, मेघालय, नागालैंड व असम राज्य के यात्री जाएंगे। इसी प्रकार, 23 मई को गुरूग्राम से चलकर वाया गुवाहाटी होते अगरतला (त्रिपुरा) जाने वाली रेलगाड़ी में त्रिपुरा व असम राज्य के लोग तथा 25 मई को गुरूग्राम से चलकर वाया गुवाहाटी होते हुए जिरीबाम (मणिपुर) जाने वाली रेलगाड़ी में मणिपुर राज्य के लोग अपने गृह राज्य में जाएंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हरियाणा से 21 मई से 23 मई तक मध्यप्रदेश राज्य के लिए भी 5 रेलगाडिय़ां चलानी प्रस्तावित थी लेकिन प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां शुरू होने से मध्यप्रदेश के श्रमिकों ने अपने गृह राज्य जाने का इरादा बदल दिया है जिसके कारण इन रेलगाडिय़ों को रद्द करना पड़ा है।
एडीजीपी सीआईडी श्री अनिल कुमार राव ने बताया कि कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाऊन के दौरान हरियाणा में प्रवासी श्रमिकों का समुचित ठहराव करने के लिए करीब 688 शैल्टर-होम शुरू किए गए थे। उनके गृह राज्यों में भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद काफी संख्या में श्रमिक यहां से जा चुके हैं जिसके कारण अधिकतर शैल्टर-होम खाली होने कारण बंद कर दिए गए हैं। वर्तमान में मात्र 72 शैल्टर-होमों में करीब 9400 प्रवासी श्रमिक ही रूके हुए हैं।
उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के खाने-पीने, ठहरने व उनके गृह राज्य जाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लगातार मानवीय मदद की जा रही है, इसके लिए सभी जिलों में नोडल ऑफिसर भी नियुक्त किए गए हैं जो श्रमिकों की सहायता करते हुए अपनी ड्यूटी को बखूबी निभा रहे हैं।
प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए चलाई जाने वाली रेलगाडिय़ों व बसों का सारा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। इन मजदूरों को राहत केंद्रो में रखने का, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर लाने के मुफ्त प्रबंध सरकार द्वारा किया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा इन प्रवासी श्रमिकों को दी जा रही खाद्य, ठहरने व आवागमन की सहायता पर श्रमिक बहुत खुश दिखाई दे रहे हैं और पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है।
इसी तरह, लॉकडाऊन के दौरान बाहर के राज्यों व देशों में फंसे हरियाणा के लगभग 11 हजार लोगों को भी हरियाणा सरकार द्वारा से हरियाणा लाया गया है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।