चंडीगढ़, 22 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों (डीएफएससी) को निर्देश दिए कि शेष पात्र लाभार्थियों को डिस्ट्रेस राशन टोकन (डीआरटी) के वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाएं और यह सुनिश्चित करें कि लाभार्थियों को बिना किसी परेशानी के दुकानों से मुफ्त राशन मिले। प्रदेश में अब तक 4,86,124 डीआरटी वितरित किए गए हैं और इस योजना से 12,90,847 लोग लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री, श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग का कार्यभार भी है, ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि प्रदेश में राशन कार्ड धारकों को अप्रैल, मई और जून महीने का दोगुना राशन मिल रहा है, लेकिन कई प्रवासी परिवार ऐसे, हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। ऐसे परिवार भोजन से वंचित न रहें, जैसा कि मुख्यमंत्री द्वारा वायदा किया गया था, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने उन्हें डीआरटी के माध्यम से राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि पहली बार पात्र लाभार्थियों को डीआरटी वितरित करने के लिए लोकल कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि अब यह योजना भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना का हिस्सा है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को डिस्ट्रेस राशन टोकन जारी करते समय गरीब लोगों के प्रति अधिक संवेदनशीलता बरतने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड -19 संकट के दौरान प्रभावित लोगों को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के मामले में हरियाणा देश में सभी राज्यों में सबसे आगे है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि राशन डिपो पर पर्याप्त मात्रा में राशन उपलब्ध कराया गया है और डीएफएससी यह सुनिश्चित करें कि डिस्ट्रेस राशन टोकन के साथ राशन डिपो में आने वाले लोगों को बिना किसी असुविधा के राशन मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पहले ही प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में कोई भी गरीब भूखा नहीं सोएगा।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के. दास, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक श्री चंदर शेखर खरे उपस्थित थे।