चंडीगढ़, 2 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में एनडीए सरकार का पहला वर्ष हमेशा ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरे साल के रूप में याद किया जाएगा। एनडीए सरकार का दूसरा कार्यकाल अपने कठिन और बड़े फैसलों के लिए भी जाना जाएगा, जिसने दुनिया भर में भारत की सकारात्मक छवि बनाई है।
मुख्यमंत्री आज यहां मोदी 2.0 के सफल एक वर्ष पर डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
प्रधान मंत्री की प्रशंसा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक वर्ष में, मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, ट्रिपल तालक को अपराधीकरण करने, नागरिकता संशोधन अधिनियम करने सहित कई साहसिक निर्णय लिए और आत्मनिर्भर भारत की नींव भी रखी। उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर का ऐतिहासिक उद्घाटन, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) आदि का गठन एक वर्ष की छोटी अवधि में हासिल की गई मोदी 2.0 की अन्य प्रमुख उपलब्धियों में से एक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनम्भर’ बनाने के साथ ही, प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी को एक अवसर में बदलना भी सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाना और गरीबों, किसानों और मजदूरों के कल्याण को सुनिश्चित करना तथा औद्योगिक, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देते हुए, भारत को एक वैश्विक गुरू बनाना है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा अपने लगातार दूसरे कार्यकाल में सरकार के गठन के छ: महीने की छोटी अवधि में हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और आमजन के कल्याण के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, जिसमें मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, राज्य में कैंसर, किडनी और एचआईवी बीमारी से पीडि़त नागरिकों को 2250 रुपये मासिक पेंशन प्रदान करना, मनरेगा योजना के तहत दैनिक मजदूरी 309 रुपये का भुगतान करने में देश में सर्वप्रथम होना, शामिल है।
देश के विकास में हरियाणा के योगदान के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा हमेशा से देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है। वर्ष 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा देश में 16 वें स्थान पर था, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न सुधार करने के उपरांत हरियाणा आज देश में तीसरे और उत्तर भारत में पहले स्थान पर है। इसके अलावा, पूरे राज्य में औद्योगिक विस्तार के उद्देश्य से सभी 22 जिलों के लिए एक क्लस्टर योजना बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पहल की जा रही है और इसी कड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा विनिर्माण इकाइयों को पट्टे (लीज) पर भूमि के आवंटन की नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में निवेश के लिए विभिन्न विदेशी बहु-राष्ट्रीय कंपनियों से बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि जापान और अमेरिका के निवेशकों के साथ पहले से ही बातचीत चल रही है, जबकि जल्द ही कोरिया के निवेशकों के साथ भी एक वेबिनार आयोजित किया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ लडऩे के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं, हालांकि, इस लड़ाई को लड़ते हुए, हर जरूरतमंद को राशन प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रही ताकि कोई भी इस संकट की घड़ी में भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि राशन कार्डधारकों के साथ-साथ ऐसे परिवार जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है उन्हें डिस्ट्रेस टोकन के माध्यम से राशन प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 5 लाख लोगों को यह सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मजदूरों को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हरियाणा से उनके संबंधित गृह राज्यों में वापस भेजने के लिए हरियाणा रोडवेज की बसों और स्पेशल श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से समुचित व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए अतिरिक्त खरीद केंद्र स्थापित किए गए।
मेरा पानी मेरी विरासत योजना पर हो रही आलोचना के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के विषय को समय की जरूरत समझते 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, किसानों को फसल विविधीकरण को अपना कर अपने खेतों में धान के स्थान पर अन्य फसलों जैसे मक्का, बाजरा, दाल, सब्जियों और फलों की बुवाई करके की सलाह दी गई है। दूसरी फसल लगाने के लिए किसानों को 7000 रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैंने इस योजना में शामिल आठ खण्डों में से छ: खण्डों का दौरा किया है और इन खण्डों के किसानों के साथ विस्तृत चर्चा करने के बाद, अब तक 50 हजार हेक्टेयर भूमि के किसानों ने इस योजना के लिए अपनी सहमति दी है। मैं विपक्ष को सलाह देना चाहता हूं कि वे अनावश्यक रूप से चीजों का राजनीतिकरण न करें।’
उन्होंने कहा कि जो भी फसल विविधीकरण को अपनाएंगे उन्हें 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी मिलेगा। इस प्रकार, उन्हें 7700 प्रति एकड़ प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो किसान सहमत हो, वह तुरन्त अपनी पंजीकरण करवा दें। फसल बोने के वक्त पहली किस्त के तौर पर 2 हजार रूपए तथा बाद में 5 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।
अंतरराज्यीय सीमाओं पर आवाजाही पर प्रतिबंध के संबंध में पूछे गए एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके अंतरराज्यीय सीमाएं खोलने का निर्णय लिया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने आवाजाही की अनुमति नहीं देने का फैसला किया। अब इस संबंध में कोई भी निर्णय दिल्ली सरकार के साथ चर्चा करने के बाद लिया जाएगा, क्योंकि सीमाएं खोलने के लिए दोनों सरकारों की आपसी सहमति होनी आवश्यक है।