चंडीगढ़, 6 जून- हरियाणा में आत्मनिर्भर भारत बनने के विजऩ को साकार करने की अपार संभावनाएं हैं और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को देश के युवाओं, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अनुसंधान संस्थानों में शिक्षाविदों द्वारा पूरा किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा ‘पोस्ट कोरोना: आत्मनिर्भर भारत’ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना पूरी मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में आया हैं, लेकिन हमें आगे बढऩे और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मविश्वास, नवीन सोच और नई तकनीकों पर निर्भर रहना होगा। हमें कोरोना के दौरान जीवन के नए वर्जन 2.0 के अनुरूप अपनी जीवन शैली में बदलाव करना होगा।
अनिश्चितता जीवन की सुंदरता है। सरकार ने नई चुनौतियों का सामना किया है और स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था शुरू की है। एनसीईआरटी ने ऑनलाइन पद्धति के माध्यम से स्कूलों में 52 लाख छात्रों को जोड़ा है, शिक्षा सेतु एप के माध्यम से करीब 2 लाख छात्रों को शिक्षा दी जा रही है और विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से लेक्चर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विद्यार्थियों पर उनके द्वारा लिए गए ऋणों का दबाव कम करने के लिए ऋणों की ईएमआई की अदायगी में छुट देने और साथ ही अपनी गारंटी पर शिक्षा ऋण के लिए कोलेट्रल देने का प्रावधान किया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा के साथ कौशल विकास पर जोरे देने पर भी बल दिया है ताकि छात्र रोजगार योग्य बन सकें। इसी उद्देश्य से सरकार ने पलवल में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की है। स्टार्टअप योजना के तहत प्रदेश में 4149 युवा उद्यमियों को स्टार्टअप के लिए 868 करोड़ रूपये के ऋण दिए। इसी प्रकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में युवाओं को स्टार्टअप स्थापित करने के लिए 14,141 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया।
इस समय में सूचना प्रैद्योगिकी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, प्रदेश सरकार ने 14 लाख परिवारों को प्रति माह 4-5 हजार रुपये स्थानांतरित किए हैं। 5 लाख परिवारों को भोजन, अनाज और राशन वितरित किया गया है। हरियाणा सरकार ने 3.5 लाख मजदूरों को ट्रेनों और विशेष बसों के माध्यम से घर पहुंचाने की सुविधा दी है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के लिए भारत से अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत हर दिन एक लाख से अधिक मास्क और पीपीई किट का निर्माण कर रहा है। मारुति जैसी कई कंपनियां वेंटिलेटर और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों का उत्पादन करने के लिए आगे आईं हैं।
इससे पूर्व वेबीनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीता खन्ना ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए इस बातचीत को आयोजित करने की महत्ता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कोरोना जागरूकता के बारे में और जरूरतमंदों की मदद के लिए 40 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। रजिस्ट्रार प्रो. भगवान सिंह चौधरी ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।