चंडीगढ़, 9 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भावी पीढ़ी को विरासत में अगर पानी देना है तो हमें आज ही संभलना होगा। जल सरंक्षण की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं और कई कारगर योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं।
इसी कड़ी में ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना का उद्देश्य किसानों को धान की बजाए दूसरी फसल लगाने के लिए प्रेरित करना है ताकि किसान फसल विविधिकरण की ओर अग्रसर होकर सरकार की जल बचाव मुहिम में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री आज सिरसा के पंचायत भवन में सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए सिरसा ब्लॉक के किसानों से ‘मेरा पानी-मेरी विरासत योजना’ के तहत सीधा संवाद कर रहे थे। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों का संशय दूर करते हुए उनके सुझावों का स्वागत भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा भूमिगत पानी को बचाने की है। जिन क्षेत्रों में भूमिगत जल स्तर 40 मीटर से नीचे है, उन क्षेत्रों में किसानों से धान न लगाने का आह्वïान किया जा रहा है, ताकि भविष्य में जल संकट उत्पन्न न हो और किसान की भूमि भी उपजाऊ बनी रहे। अब तक योजना के तहत किसानों ने 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बजाए दूसरी फसल उगाने के लिए अपनी सहमति जताई है और जल बचाव मुहिम में किसान जुड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में अब तक ‘मेरा पानी-मेरी विरासत योजना’ के तहत 5573 किसानों ने धान की जगह दूसरी फसल उगाने के लिए सहमति जताई है। किसान धान के अतिरिक्त कोई भी फसल या बागवानी अपना सकते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा 7,000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है जिसमें 2,000 रुपये रजिस्ट्रेशन के समय और शेष 5,000 रुपये की राशि फसल तैयार होने पर किसान को दी जाएगी। उन्होंने किसानों को जल बचाव मुहिम के तहत टपका सिंचाई प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि किसानों को टपका सिंचाई विधि पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
किसानों से संवाद के दौरान जिला के हांडीखेड़ा गांव के किसान नेकी राम ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को कारगर बताया और सुझाव दिया कि जल बचाना और भू-जल स्तर को ऊपर लाने के लिए रिचार्ज पद्घति पर गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए, जिससे भविष्य में जल संकट न हो। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनके सुझाव का अभिनंदन किया। इस दौरान अन्य किसानों ने भी जल बचाव को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने सभी के सुझावों को लेकर भविष्य में योजनाबद्घ तरीके से काम करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कृषि उपनिदेशक, बागवानी अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित (डाकर) जमीन में डेमोस्ट्रेशन पार्क विकसित करवाने, नहरी पानी की चोरी रोकने, पानी का समान वितरण सुनिश्चित करने तथा योजना के संबंध में अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरे प्रदेश में प्रशासन के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं ने भी फ्रंट लाइन पर आकर अहम भूमिका निभाई है। इसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में कोरोना काफी हद तक कंट्रोल में है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस लड़ाई को मिलजुलकर लडऩा है और इस पर विजय प्राप्त करनी है। जिस प्रकार लॉकडाउन के सभी चरणों में नागरिकों ने संयम दिखाया एवं सहयोग दिया, उसी प्रकार हमें अनलॉक के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए देश व प्रदेश को कोरोनामुक्त करना है।