शुक्रवार, June 26, 2020

चंडीगढ़, 26 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने भू-जल संरक्षण के लिए क्रियान्वित की जा रही ‘‘मेरा पानी-मेरी विरासत’’ योजना के बाद प्रदेश में पानी की एक-एक बूंद के उपयोग करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण गठित करने तथा भू-जल नियंत्रण के लिए राज्य भू-जल व जिला भू-जल योजना तैयार करने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री आज यहां इन योजनाओं के लिए बुलाई गई सिंचाई एवं जल संसाधन, विकास एवं पंचायत तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सूक्ष्म सिंचाई मिशन प्राधिकरण, भू-जल नियंत्रण के लिए राज्य भू-जल व जिला भू-जल योजनाओं की समीक्षा भी की।

बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबन्धन प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों के पानी को तीन पोन्ड व पांच पोन्ड प्रणाली से उपचारित कर इसको सिंचाई व अन्य कार्यों के उपयोग के लिए योजना बनाएं।

मुख्यमंत्री को बैठक में अवगत करवाया गया कि प्रदेश में कुल 16,350 तालाब हैं, जिनमें 15,910 तालाब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और 440 तालाब शहरी क्षेत्रों में हैं तथा सभी तालाबों की जीआईएस मैपिंग कर पोन्ड एटलस तैयार की गई है। इसके पहले चरण में 18 तालाबों को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई कि ग्रामीण क्षेत्रों के 2606 तालाब प्रदूषित तथा ओवरफ्लोविंग हैं, 7963 प्रदूषित हैं परंतु ओवरफ्लोविंग नहीं हैं, 4413 साफ पानी के तालाब हैं। प्रदूषित तालाबों के पानी को उपचारित करने के लिए कन्सट्रक्टिड वेटलैंड टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें कचरे को रोकने के लिए तीन व चार स्थानों पर मोटे-मोटे पत्थर डालकर उसके बाद जंगली घास लगाई जाती है और बाद में पानी उपचारित होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर तालाब को वर्ष में कम से कम एक बार खाली करके इसे पुन: नहरी पानी, बरसात व अन्य स्रोतों से भरा जाए ताकि पानी का संचार होता रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले एक तालाब को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाए ताकि इस मॉडल तालाब को अन्य तालाबों के लिए अपनाया जा सके। कैथल जिले के क्योडक़ गांव के तालाब का कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है और आने वाली 15 जुलाई तक इसका शुभारंभ भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर तालाब की पानी की निकासी के लिए लगाए जाने वाले पम्पों, जहां तक संभव हो सोलर पम्प प्रणाली लगाई जा सके ताकि बिजली की भी बचत हो सके।

मुख्यमंत्री ने हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबन्धन प्राधिकरण की आगामी बैठक 25 जुलाई, 2020 को बुलाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाबों के इस प्रौजेक्ट की ड्राईंग तैयार करने का कार्य विश्वविद्यालय व बहुतकनीकी संस्थानों के सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा करवाई जानी चाहिए। इस पर यह जानकारी दी गई प्राधिकरण द्वारा हरियाणा सिंचाई अनुसंधान प्रबन्धन संस्थान (HIRMI), कुरुक्षेत्र में 29 व 30 नवम्बर, 2019 कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें 24 विश्वविद्यालयों ने भाग लिया तथा 103 तालाबों की ड्राईंग तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।

इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.ऊमा शंकर, उप-अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख श्री बिजेन्द्र सिंह तथा हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबन्धन प्राधिकरण के सदस्यों के अलावा विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।