चंडीगढ़ 3 जुलाई: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 'जल जीवन मिशन' के तहत पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए तेजी से किए जा रहे प्रयासों के लिए हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्य जल जीवन मिशन में अपनी योजनाएं बनाने के लिए हरियाणा पैटर्न का अनुकरण करें।
उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में विभिन्न विभागों और अधिकारियों द्वारा सभी ग्रामीण घरों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए एक टीम के रूप में लगातार समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणास्वरूप हरियाणा राष्ट्रीय लक्ष्य जोकि वर्ष 2024 है, से पहले ही यानी वर्ष 2022 तक इस लक्ष्य को पूरा कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह बात आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा सरकार द्वारा जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कही।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी ग्रामीण घरों में पानी के कनेक्शन प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है और सभी ग्रामीण घरों में पाइपलाइन के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए कई उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत प्रदेश सरकार द्वारा कार्यात्मक घरेलू नल कनैक्शन उपलब्ध करवाने के लिए रोड कट शुल्क के रुप में लिये जाने वाले 2000 रुपये माफ किए गए हैं। इसके अलावा, नये कनैक्शन लेने के लिए नागरिकों को दो विकल्प दिए जाएंगे, जिसके तहत नागरिक नये कनैक्शन शुल्क के रूप में एक बार 500 रुपये देंगे या वर्तमान सरकारी दर के अनुसार सामान्य कनैक्शन के लिए 50 रुपये (40 रुपये फ्लेट रेट जमा 10 रुपये अतिरिक्त) और अनुसूचित जाति कनैक्शन के लिए 30 रुपये (20 रुपये फ्लेट रेट जमा 10 रुपये अतिरिक्त) देने होंगे, इस प्रकार किश्तों में दी गई राशि से कनैक्शन शुल्क के रूप में 500 रुपये की अदायगी पूर्ण होगी।
श्री मनोहर लाल ने बताया कि इस मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कई कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीण जल एवं सीवरेज समितियों का गठन किया जा रहा है और इन समितियों में महिलाओं की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई है।
राज्य सरकार की ओर से जल संरक्षण योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए फसल विविधीकरण के तहत मेरा पानी मेरी विरासत योजना ’शुरू की गई है। इस योजना के तहत, फसल विविधीकरण को अपनाने वाले किसानों को सरकार से 7000 रुपये प्रति एकड़ का प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसानों से भी फसल विविधीकरण को अपनाने की अपील की गई है और यह खुशी की बात है कि किसानों ने लगभग एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए अपनी सहमति दी है। इस प्रकार लगभग 12 से 13 प्रतिशत पानी की बचत होगी।
उन्होंने बताया कि पानी के बेहतर उपयोग और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण राज्य में तालाबों के कायाकल्प की दिशा में काम कर रहा है।
इससे पूर्व, जन स्वास्थ्य अभियसांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में 30 लाख घर हैं, जिनमें से 23.53 लाख परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 संकट के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित 4.59 लाख कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को 15 अगस्त, 2020 तक राज्य सरकार द्वारा पूरा कर लिया जाएगा।
श्री देवेंद्र सिंह ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में किए जा रहे कार्यों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। योजना के अनुसार श्रेणी- 1 में ऐसे गाँव शामिल हैं जहाँ पानी के स्रोत की कोई समस्या नहीं है। श्रेणी- 2 में उन गाँवों को सम्मिलित किया है जहां ग्रीष्मकाल में पानी की समस्या हो सकती है और श्रेणी- 3 में ऐसे गाँव शामिल हैं जहां पानी के स्रोत की समस्याएँ हैं।
बैठक में जन स्वास्थ्य अभियसांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।