शनिवार, July 4, 2020

चंडीगढ़, 4 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतू सभी आवश्यक कदम उठाएं जाएं तथा क्वारेंटाइन किये गये व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने हेतू ज्यादा से ज्यादा पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाये जाएं ताकि व्यक्ति को उसके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का पता चल सके। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में अन्य ओपीडी सेवाएं शुरू की जाए।

मुख्यमंत्री आज रोहतक सर्किट हाऊस में जिला प्रशासन व पंडित भगवद दयाल शर्मा आर्युविज्ञान संस्थान तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ कोविड-19 से निपटने हेतू किये गये प्रबंधों की बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

श्री मनोहर लाल ने पीजीआईएमएस के कुलपति डॉ. ओ.पी. कालड़ा तथा कोविड-19 के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी से कोविड-19 के इस संदर्भ में पूर्ण जानकारी ली तथा कोविड-19 के टैस्टिंग व रिपोर्ट बारे भी जानकारी भी हासिल की। मुख्यमंत्री ने पूल टैस्टिंग की संभावनाओं का भी पता लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि कम संक्रमण वाले क्षेत्रों में पूल टैस्टिंग की जाये और यदि इसके सकारात्मक परिणाम आते हैं तो अन्य लोगों की भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों में पूल टैस्टिंग की अपेक्षा व्यक्तिगत जांच की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के रूझानों के अनुसार ही कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रदेश एवं कोरोना संक्रमण की दर व कोरोना से होने वाली मृत्यु दर के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने संक्रमित व्यक्तियों में एंटीबॉडी विकसित होने के बारे में जानकारी हासिल की तथा एंटीबॉडी विकसित होने के बाद शरीर में कोरोना संक्रमण से प्रतिरोध करने की क्षमता बारे भी जानकारी ली।

बैठक में रोहतक के उपायुक्त श्री आर एस वर्मा ने कहा कि जिला में कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण को रोकने हेतू सभी आवश्यक प्रबंध किये गये है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन युक्त 750 बेड के प्रबंध किये गये है तथा तीन कोविड केयर सेंटर भी स्थापित किये है। जिला में मनरेगा के तहत भी मनरेगा मज़दूरों को रोजगार दिया जा रहा है। जिला में स्थित लगभग अढ़ाई हजार ओद्योगिक इकाईयों में से ज्यादातर में कार्य शुरू हो चुका है तथा इन इकाईयों में लगभग 33 हजार श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

कुलपति डॉ. ओपी कालड़ा ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के छह हजार प्रतिदिन टैस्ट की क्षमता है। पीजीआईएमएस में लगभग 2000 हजार टैस्ट प्रतिदिन क्षमता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में प्लाज्मा थैरेपी से भी इलाज शुरू किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण से ठीक हुये दो व्यक्तियों से प्लाज्मा लिया गया है तथा एक संक्रमित व्यक्ति को प्लाज्मा दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के 4057 एक्टिव केस हैं तथा कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने की दर में वृद्धि हो रही है। कोविड-19 से लगभग 80 प्रतिशत संक्रमित व्यक्तियों की इलाज के दौरान 8-9 दिन में नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हो रही है। केंद्र सरकार से 50 वेंटिलेटर मिले हैं तथा अन्य 150 वेंटिलेटर भी प्राप्त होने पर स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि होगी। लगभग 310 व्यक्तियों को घरों में कंवारेंटाइन किया गया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि पीजीआईएमएस द्वारा डॉ. ध्रुव चौधरी की देखरेख में एक ऐप भी विकसित किया गया है, जिससे कोविड संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाकर शीघ्र अस्पताल में भर्ती करने में मदद मिलेगी। इस ऐप को शीघ्र ही शुरू किया जायेगा। इस ऐप में येलो, रैड व ग्रीन तीन रंग है किसी भी व्यक्ति द्वारा लक्षण बताने पर कोविड-19 के संक्रमण का इस ऐप के माध्यम से पता लग सकेंगा।

कोविड-19 के प्रदेश नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी ने कहा कि पीजीआई में 840 व्यक्ति उपचाराधीन है, जिनमें से 18 मरीजों को आईसीयू में रखा गया है। कोविड-19 से होने वाली मृत्यु में 80 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। ट्रॉमा सेंटर में आक्सीजन की सुविधा से युक्त 180 बिस्तर तथा आईसीयू में 36 बेड उपलब्ध है। पीजीआई में प्रतिदिन लगभग 180 तथा सिविल अस्पताल में प्रतिदिन लगभग एक सौ कोविड टैस्ट किये जा रहे है। कोविड-19 के टैस्ट की 24 घंटे में रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जा रही है।

इस अवसर पर रोहतक के मंडलायुक्त डॉ. डी. सुरेश, पुलिस महानिरीक्षक संदीप खिरवार, नगर निगम के आयुक्त प्रदीप गोदारा, पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।