सोमवार, July 6, 2020

चंडीगढ़, 6 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में कारोबारी सुगमता को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) विधेयक, 2020 को स्वीकृति प्रदान की गई।

राज्य सरकार द्वारा कारोबार करने की लागत के साथ-साथ विलम्ब को कम करने के लिए प्रदेश में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र, जिसमें प्रदेश में कारोबारी सुगमता न केवल वैश्विक मानकों के अनुरूप हो बल्कि उससे भी बेहतर हो, सृजित करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 और तदनुरूप नियम लागू किए गये हैं।

प्रदेश में कारोबारी सुगमता को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 में मौजूदा उद्यमों के समावेश, पहले प्रदान की गई स्वीकृतियों का नवीनीकरण प्रदान करने, सिंगल विंडो मकैनिज्म के दायरे में सेवाओं और विभागों के कार्यक्षेत्र के विस्तार, लचीली समयसीमा, नोडल अधिकारियों को शक्तियां सौंपने आदि के लिए प्रावधान करने की तत्काल आवश्यकता है। इसके अलावा, प्रस्तावित संशोधनों से केन्द्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग द्वारा की जा रही राज्यों की रैंकिंग के मूल्यांकन में हरियाणा की सम्भावनाओं पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

राज्य सरकार द्वारा प्रवर्तकों को उद्यमों की स्थापना और सहायता के लिए अपेक्षित स्वीकृतियां समयबद्ध ढंग से एकल बिंदु पर उपलब्ध करवाकर प्रदेश में औद्योगिक तथा अन्य परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन हेतु विनियामक ढांचे का सरलीकरण करने, प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को कम करने, दस्तावेजों को तर्कसंगत बनाने और औद्योगिक विकास के प्रोत्साहन तथा नये निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने तथा प्रदेश में निवेशक हितैषी परिवेश मुहैया करवाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है।

समयबद्ध स्वीकृतियों की देखरेख करने, मैगा परियोजनाओं के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत करने तथा नीतिगत पहलों की स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड (एचईपीबी) गठित किया गया है। परियोजना स्वीकृतियों के लिए द्वि-स्तरीय प्रणाली स्थापित की गई है। प्रदेश में अनुरूप क्षेत्रों (कन्फर्मिंग जोन)में 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश तथा एक एकड़ से अधिक भूमि के सीएलयू मामलों वाली परियोजनाएं अधिकार-प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) या नोडल अधिकारियों द्वारा तथा 10 करोड़ रुपये तक के निवेश और एक एकड़ तक के सीएलयू मामलों की स्वीकृति उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय स्वीकृति समिति (डीएलसीसी) द्वारा दी जाती है।

हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, सिंगल विंडो सिस्टम का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा 2 फरवरी, 2017 को किया गया था और यह एचईपीपी तथा ईईसी के सचिववालय के रूप में कार्य कर रहा है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग तथा आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग ने विश्व बैंक के सहयोग से, कारोबारी सुगमता शुरू करने के लिए व्यापार सुधार कार्य बिंदु लागू किए हैं। वे वार्षिक तौर पर राज्यों का मूल्यांकन कर रहे हैं और हरियाणा ने वर्ष 2017-18 में राज्यों की कारोबारी सुगमता रैंकिंग में देश में तीसरा स्थान हासिल करके बेहतर प्रदर्शन किया है।

हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन तथा हैंड होल्डिंग सर्विसिज मुहैया करवाने के लिए एक छत के नीचे सिंगल विंडो एजेंसी के तौर पर कार्य कर रहा है। इन्वेस्ट हरियाणा पोर्टल 20 से अधिक विभागों की 80 से अधिक स्वीकृतियां समयबद्ध ढंग से प्राप्त करने हेतु सांझा आवेदन फार्म भरने में निवेशकों की सुगमता के लिए शुरू किया गया था।

व्यापार सुधार कार्य बिन्दु एक विशिष्टï समय सीमा में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से मौजूदा उद्यमों को स्वीकृतियां तथा नवीनीकरण सुनिश्चित करते हैं। ये कार्य बिन्दु स्वीकृतियों के साथ-साथ विभागों का कार्य क्षेत्र भी बढ़ाते हैं। नवीनतम व्यापार सुधार कार्य बिंदुओं के लिए सेवा प्रदायगी ढांचे में दण्डात्मक प्रावधानों की आवश्यकता है। इसके अलावा, उद्यमों को समयबद्ध ढंग से डीम्ड स्वीकृतियां प्रदान करने तथा शीघ्र निर्णय निर्धारण के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड तथा अधिकार-प्राप्त कार्यकारी समिति को शक्तियां सौंपने के लिए भी प्रावधान किया जाना अनिवार्य हो गया है।