चंडीगढ़ 6 जुलाई- हरियाणा सरकार ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 5 के खंड (ग) के तहत ऋण समझौतों या समझौते या समझौता ज्ञापन पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क को 2000 रुपये से घटाकर 100 रुपये करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में राजस्व विभाग के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
स्टाम्प शुल्क को कम किये जाने से छोटे एवं सीमांत किसानों, डिफरेंशियल रेट ऑफ इंट्रस्ट (डीआरआई) के तहत लघु ऋण प्राप्त करने वाले कृषकों के साथ-साथ अन्य लोगों, वाहन ऋण, लॉकर की सुविधा प्राप्त करने के इच्छुक लोगों और सीमांत ऋणों आदि की योजनाओं के तहत ऋण प्राप्त करने के इच्छुक लोगों के हित सुरक्षित होंगे। अत: इससे समाज के सभी वर्ग लाभान्वित होंगे।
घटाया गया स्टाम्प शुल्क सभी ऋण समझौतों पर लागू होगा जो ऐसे ऋणधारकों द्वारा विभिन्न प्रकार के ऋणों की स्वीकृति से पूर्व बैंक, वित्तीय संस्थान, वित्तीय विकास निगमों आदि के पक्ष में किए जाते हैं।