सोमवार, July 6, 2020

चंडीगढ़ 6 जुलाई- हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य प्रशिक्षण नीति, 2020 लागू करने का निर्णय लिया है ताकि 31 मार्च, 2022 तक सभी तीन लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करके लोगों को उच्च गुणवत्ता का कुशल, पारदर्शी एवं समयबद्घ शासन प्रदान करने और उच्च स्तर की दक्षता, अखण्डता और मानव संसाधनों के कौशल को उच्च स्तर पर बनाए रखने की राज्य सरकार की प्रतिबद्घता को पूरा किया जा सके।

इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। राज्य प्रशिक्षण नीति का मुख्य उद्देश्य सभी को प्रशिक्षण प्रदान करना और अपने सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, संस्थान एवं कार्मिक उपलब्ध करवाना है।

नीति के तहत राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों और राज्य उपक्रम, राज्य वित्त पोषित सहकारी संस्थाएं, जिनमें पंचायती राज संस्थान और स्थानीय निकाय भी शामिल हैं, के कर्मचारियों को वर्तमान एवं भावी नौकरियों के लिए दक्ष बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण सेवा में उनके प्रवेश के समय और सेवाकाल के दौरान उचित अंतराल पर दिया जाएगा।

एचसीएस तथा संबद्घ सेवाओं के सभी अधिकारियों के लिए हिपा द्वारा एक संयुक्त मूलभूत पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। ‘मेरे राज्य का गर्व’ हिपा और 86 अन्य प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाने वाले जेएफसी और अन्य दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा होगा।

इसी प्रकार,नैतिकता और अखण्डता, व्यवहार कुशलता, भाषा एवं शिष्टाचार के साथ-साथ तनावमुक्ति आदि के प्रशिक्षण कार्यक्रम त्रैमासिक रूप से आयोजित किए जाएंगे। आध्यात्मिक एवं योग संस्थानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों के बीच नैतिकता एवं साकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न करने के लिए भागीदार बनाया जाएगा। कर्मचारियों के प्रशिक्षण को एचआरएमएस पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) राज्य का सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान होगा और राज्य के अन्य सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के परामर्श से इस नीति के कार्यान्वयन को बढ़ाने और सुगम बनाने के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करेगा। राज्य के सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों जैसे कि एचआईआरडी, एमआरएमआई, एससीईआरटी, पीटीएस, डीआईईटीएस और अन्य का एक सांझामंच सृजित किया जाएगा ताकि विभिन्न विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विचार विर्मश कर उन्हें तैयार किया जा सके।