चंडीगढ़ 6 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आवासीय जोन में पर्यावरण अनुकूल आवास स्थापित करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति प्रदान करने हेतु पर्यावरण अनुकूल आवास नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
इस नीति के तहत आवासीय जोन में 2000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र पर पर्यावरण अनुकूल आवास का निर्माण किया जाएगा।
यह नीति सरकार द्वारा लाईसेंसड कॉलोनियों एवं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित सैक्टरों में आने वाली आवासीय पॉकेट्स में आवासीय उद्देश्यों हेतु भूमि उपयोग परिवर्तन के संबंध में 27 फरवरी, 2012 और 2 अगस्त, 2012 से लागू नीतियों के साथ ही क्रियान्वित रहेगी।
इस नीति के तहत प्लाट पर आवासीय, वाच एवं वार्ड एवं सरवेंट क्वाटर्स के निर्माण की अनुमति होगी। 2000 वर्ग मीटर से एक एकड़ तक के प्लाट पर अधिकतम 20 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज और 0.20 एफएआर की अनुमति होगी और सहायक भवनों के तहत 70 वर्गमीटर तक गार्ड रूम एवं सरवेंट रूम का निर्माण किया जा सकेगा। इसी प्रकार, एक एकड़ से अधिक और 2.5 एकड़ क्षेत्र तक के प्लाट पर अधिकतम 15 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज और 0.20 एफएआर की अनुमति होगी और 100 वर्गमीटर तक गार्ड रूम एवं सरवेंट रूम का निर्माण किया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त, प्लाट के चारों और कम से कम छ: मीटर खाली स्थान होना चाहिए। अधिकतम अनुज्ञेय ऊंचाई 15 मीटर होगी। बागवानी, कीचन गार्डन एवं अर्बन फॉर्मिंग की अनुमति होगी। प्लाट के किनारों पर वृक्षारोपण करना और घटते भू-जल स्तर के सुधार के लिए सतही पानी के भण्डारण के साथ वर्षा के पानी के दोहन का प्रावधान करना अनिवार्य होगा और बायोगैस प्लांट लगाने की अनुमति होगी। पूल, तालाब एवं जलाशयों की अनुमति होगी और इन्हें एफएआर एवं सैटबैक मानदंडों से बाहर रखा गया है। इसके अलावा, ऐसे प्लाट्स को विभाजित करने और बैंक्वेंट हॉल/पार्टी हॉल, मनोरंजन, धार्मिक एवं संस्थागत स्थल जैसी वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।
नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग द्वारा लाईसेंसड कॉलोनियों एवं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित सैक्टरों की आवासीय पॉकेटों और आवासीय सैक्टर जैसे कि एफोर्डएबल गु्रप हाउसिंग कॉलोनीज़, दीन दयाल आवास योजना, लैफ्ट-ओवर लैंड पॉकेट पॉलिसी, नगर आयोजन योजना, ट्राजिंट आरियेंटिड डवेलपमेंट और टीआरडी में लाईसेंस प्रदान करने के लिए विभिन्न नीतियां क्रियान्वित की जा रही हैं। लेकिन 2000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाली आवासीय पॉकेट्स में अनधिकृत विकास एवं अनधिकृत कॉलोनाइजेशन की आशंका बनी रहती है। इसके अतिरिक्त, रिक्त क्षेत्र होने के कारण सैक्टर का समुचित विकास नहीं होता और यह विकास योजना में निर्धारित घनत्व को प्राप्त करने सहायक नहीं होता। यह नीति विनियमित विकास करने और अनधिकृत कॉलोनाइजेशन को नियंत्रित करने में मददगार होगी।